हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बलात्कार आरोपी की बरी बरकरार रखी, कहा– पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान न होना सहमति दर्शाता है
Praveen Mishra
26 Sept 2025 9:31 AM IST

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बलात्कार मामले में आरोपी की बरी (acquittal) को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल सबूतों में पीड़िता के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट या हिंसा के निशान नहीं पाए गए, जिससे यह प्रतीत होता है कि उसने प्रतिरोध नहीं किया और वह सहमति से इस कृत्य में शामिल थी।
पीड़िता ने 2013 में शिकायत दी थी कि उसके पति के काम पर होने और बच्चों के स्कूल में रहने के दौरान उसका चचेरा भाई घर में घुसकर बलात्कार कर गया।
उसने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके कपड़े फाड़े, बलात्कार किया और धमकी दी कि घटना बताने पर जान से मार देगा।
ट्रायल कोर्ट ने उसके बयानों में विरोधाभास और असंगतियाँ पाई और आरोपी को बरी कर दिया।
राज्य ने इसके खिलाफ धारा 378 सीआरपीसी के तहत अपील दायर की।
हाईकोर्ट ने कहा, बलात्कार मामलों में सिर्फ पीड़िता का बयान भी सज़ा के लिए पर्याप्त हो सकता है, लेकिन इस मामले में उसके बयान में वह “विश्वसनीयता और ठोस गुणवत्ता (sterling quality)” नहीं थी।
उसने माना कि आस-पास कई घर होने के बावजूद पीड़िता ने न तो शोर मचाया और न मदद के लिए पुकारा।
मेडिकल रिपोर्ट ने भी बलपूर्वक हमले की बात को खारिज किया।
घटना के बाद पीड़िता ने न पति को फोन किया और न पास में रहने वाली बहन को बताया, जो व्यवहारिक रूप से अस्वाभाविक लगा।
नतीजतन, कोर्ट ने कहा कि पीड़िता का बयान भरोसे लायक नहीं है और आरोपी की बरी को बरकरार रखा।

