HP हाईकोर्ट ने पुलिस को नाबालिग लड़की सहित युवा मुस्लिम जोड़े की शादी के कारण मिल रही धमकियों के संबंध में सुरक्षा याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया

Avanish Pathak

9 Aug 2025 4:33 PM IST

  • HP हाईकोर्ट ने पुलिस को नाबालिग लड़की सहित युवा मुस्लिम जोड़े की शादी के कारण मिल रही धमकियों के संबंध में सुरक्षा याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सिरमौर के पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाना प्रभारी को 20 वर्षीय याचिकाकर्ता और उसकी 17 वर्षीय पत्नी की सुरक्षा याचिका पर विचार करने और परिवार की अनुमति के बिना विवाह करने के बाद उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

    अदालत ने लता सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, 2006 के सर्वोच्च न्यायालय के मामले का हवाला दिया, जो बिना किसी गैरकानूनी हस्तक्षेप के सहमति से विवाह करने और साथ रहने के व्यक्तियों के अधिकार की रक्षा करता है।

    याचिकाकर्ता मुस्लिम समुदाय से थे और उन्होंने 30 जुलाई, 2025 को हरियाणा के यमुनानगर के एक गांव में इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी मर्जी से विवाह किया था।

    उनके द्वारा प्रस्तुत आधार कार्ड के अनुसार, लड़के की आयु 20 वर्ष और लड़की की आयु 17 वर्ष थी।

    उन्होंने तर्क दिया कि मुस्लिम कानून के सिद्धांतों के अनुसार, एक मुस्लिम महिला की यौवनावस्था 15 वर्ष है, और यदि वह 15 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद अपनी इच्छा और सहमति से अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करती है, तो विवाह अमान्य नहीं होगा।

    दंपति ने दावा किया कि उन्हें निजी व्यक्तियों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है और उन्होंने 5 अगस्त, 2025 को अधिकारियों को अपनी सुरक्षा चिंताओं को रेखांकित करते हुए एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया।

    इस प्रकार, याचिकाकर्ता ने अपने जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

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