होमगार्ड स्वयंसेवक, उनके आश्रित अनुकंपा नियुक्ति का दावा नहीं कर सकते: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
Shahadat
24 July 2025 10:54 AM IST

हिमाचल प्रदेश हाीकोर्ट ने दो संबंधित याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि होमगार्ड के आश्रित राज्य सरकार की रोजगार सहायक योजना के तहत स्थायी नौकरी का दावा नहीं कर सकते, जबकि होमगार्ड ने केवल स्वैच्छिक और अस्थायी नौकरी की है।
जस्टिस सत्येन वैद्य ने कहा:
"इस प्रकार, जब होमगार्ड द्वारा की गई नौकरी को पूरी तरह से अस्थायी प्रकृति का माना गया तो उनके आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति योजना के तहत लाभ का हकदार मानना विवेकपूर्ण नहीं होगा। होमगार्ड के आश्रित स्थायी नौकरी का दावा नहीं कर सकते, जबकि होमगार्ड स्वयं केवल स्वैच्छिक और अस्थायी नौकरी करता है।"
याचिकाकर्ताओं के पति हिमाचल प्रदेश होमगार्ड अधिनियम, 1968 के तहत कार्यरत होमगार्ड स्वयंसेवक हैं और उनकी नियुक्ति के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ताओं ने अधिकारियों से यह तर्क देते हुए संपर्क किया कि सरकारी कर्मचारियों के आश्रित होने के नाते वे राज्य सरकार की रोजगार सहायक योजना के तहत नियुक्ति के हकदार हैं।
हालांकि, राज्य प्राधिकारियों ने इस आधार पर उनके दावों को खारिज कर दिया कि होमगार्ड न तो स्थायी कर्मचारी हैं और न ही सरकारी कर्मचारी।
गृह रक्षक, होमगार्ड्स वेलफेयर एसोसिएशन बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य, 2015 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने होमगार्ड्स के रोजगार की प्रकृति पर विचार किया और माना कि वे एक स्वयंसेवी बल हैं और केवल आवश्यकता पड़ने पर ही नियुक्त किए जाते हैं, न कि पुलिस जैसे नियमित कर्मचारी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, न्यायालय ने कहा कि जब होमगार्ड्स का रोजगार केवल अस्थायी प्रकृति का है तो उनके आश्रितों को राज्य सरकार की रोजगार सहायक योजना के तहत स्थायी सरकारी नौकरी देना उचित नहीं होगा।
इस प्रकार, न्यायालय ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया।
Case Name: Jogindra v/s State of H.P. & Ors.

