दूसरी महिला से बेटी का जन्म पति के अवैध संबंध को साबित करता है, पत्नी का अलग रहना जायज़: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

Shahadat

10 Oct 2025 7:23 PM IST

  • दूसरी महिला से बेटी का जन्म पति के अवैध संबंध को साबित करता है, पत्नी का अलग रहना जायज़: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि दूसरी महिला से बेटी का जन्म स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पति का अपनी पहली पत्नी से विवाहित रहते हुए भी उसके साथ संबंध है। न्यायालय ने कहा कि इस आचरण ने पत्नी को अलग रहने के लिए मजबूर किया, इसलिए उस पर परित्याग का आरोप नहीं लगाया जा सकता।

    जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने टिप्पणी की:

    "बेटी का जन्म... स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि या तो अपीलकर्ता पहले से ही किसी के साथ संबंध में था या उसके बाद संबंध विकसित हुए... प्रतिवादी को अलग रहने के लिए मजबूर किया गया।"

    याचिकाकर्ता देश राज गुप्ता ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 28 के तहत अपील दायर की, जिसमें शिमला के जिला जज के आदेश को चुनौती दी गई, जिसने अधिनियम की धारा 13(1)(ia) और (ib) के तहत दायर उनकी तलाक याचिका खारिज की।

    याचिकाकर्ता और प्रतिवादी का विवाह 1993 में शिमला में हुआ था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि प्रतिवादी ने बिना किसी कारण के उसकी कंपनी छोड़ दी, क्योंकि वह एक छोटे शहर में खुद को ढाल नहीं पा रही थी।

    जवाब में प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता के आरोपों का खंडन किया और तर्क दिया कि उसका पति ही उसे शिमला स्थित उसके पैतृक घर पर छोड़कर चला गया। फिर कभी वापस नहीं लौटा और किसी और के साथ विवाह कर लिया।

    हाईकोर्ट ने पाया कि परिवार रजिस्टर में 1996 में जन्मी एक लड़की का नाम याचिकाकर्ता देश राज की बेटी के रूप में दर्ज था। इस प्रकार, कोर्ट ने टिप्पणी की कि इससे संकेत मिलता है कि याचिकाकर्ता का किसी अन्य महिला से एक बच्चा है।

    इसके बाद कोर्ट ने अपील खारिज की और जिला कोर्ट के निष्कर्षों को बरकरार रखा।

    Case Name: Desh Raj Gupta v/s Urmila Gupta

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