ब्यास नदी त्रासदी | HP हाईकोर्ट ने कॉलेज ट्रिप में छात्रों की मौत के मामले में टीचर्स के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के आरोपों को बरकरार रखा

Avanish Pathak

8 Aug 2025 2:01 PM IST

  • ब्यास नदी त्रासदी | HP हाईकोर्ट ने कॉलेज ट्रिप में छात्रों की मौत के मामले में टीचर्स के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के आरोपों को बरकरार रखा

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वीएनआर विज्ञान ज्योति इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी के टीचर्स की ओर से कॉलेज ट्रिप के दरमियान व्यास नदी में कई छात्रों की डूबने से हुई मृत्यु के मामले में दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अध्यापकों को पूरी जानकारी थी कि छात्रों की मृत्यु हो सकती है, फिर भी उन्होंने छात्रों को नदी में जाने से नहीं रोका।

    न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और कहा कि संकाय सदस्य भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए और धारा 34 के तहत लापरवाही से मृत्यु का कारण बनने के लिए उत्तरदायी हैं और एक समान आशय का मामला बनता है।

    न्यायालय ने कहा कि एक महिला टीचर अपने बच्चों को साथ लेकर गई ‌थीं, हालोंकि वह अपने बच्चों को नदी में नहीं ले गई। यह प्रथम दृष्टया संकाय सदस्यों के विरुद्ध मामला बनता है। इसके अलावा, संकाय सदस्य पहले भी इस क्षेत्र का दौरा कर चुके थे, इसलिए वे क्षेत्र की स्थलाकृति से पूरी तरह वाकिफ थे।

    हालांकि, छात्र बारहमासी नदियों की प्रकृति से अनभिज्ञ थे, क्योंकि वे हैदराबाद से थे और एक शैक्षिक दौरे पर थे। इसके अलावा, खतरे का आभास होते ही संकाय सदस्य छात्रों को साथ लिए बिना ही नदी के किनारे से भाग गए।

    जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने कहा कि,

    "आरोपी की कथित लापरवाही और उतावलेपन की कार्रवाई ही घटना का कारण है, जिसे विद्वान निचली अदालत ने विधि और तथ्यों का प्रश्न माना है और यह सुनवाई के दौरान सिद्ध हो जाएगा।"

    पृष्ठभूमि

    हैदराबाद स्थित वीएनआर विज्ञान ज्योति इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के संकाय सदस्यों ने हाईकोर्ट में एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसमें तर्क दिया गया कि नदी के पास कोई खतरा नहीं था और यह घटना पानी की मानव निर्मित गड़बड़ी थी।

    उन्होंने आगे तर्क दिया कि बांध और बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने आवश्यक सावधानियां नहीं बरतीं, जिसके कारण यह त्रासदी हुई।

    जून 2014 में, वीएनआर कॉलेज के 35 लड़के और 13 लड़कियों सहित 48 छात्रों का एक दल, दो संकाय सदस्यों, एक महिला कर्मचारी और उसके बेटे, 2 टूर ऑपरेटरों, 3 ड्राइवरों, 4 रसोइयों, 2 सफाईकर्मियों और 2 बुकिंग प्रबंधकों के साथ, दो निजी बसों में शिमला से कुल्लू मनाली जा रहा था।

    जब छात्र ब्यास नदी के पास पहुंचे, तो वे नदी की तस्वीरें लेना चाहते थे, इसलिए दोनों बस चालकों ने बसें सड़क किनारे खड़ी कर दीं और सभी छात्र टूर मैनेजर के साथ नदी की ओर चल पड़े।

    अचानक नदी में पानी का तेज़ और तेज़ बहाव आ गया, जिससे सभी घबरा गए और किनारे की ओर भागने लगे। कुछ छात्र किनारे पर पहुंचकर अपनी जान बचाने में सफल रहे, जबकि कई छात्र तेज़ बहाव वाली नदी के पानी में बह गए, जिसमें 6 छात्राएं, 18 छात्र और एक टूर मैनेजर शामिल थे।

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