पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर-मान्यता प्राप्त आर्य समाज मंदिर में विवाह कराने के मामले की जांच के आदेश दिए

Shahadat

6 Jan 2024 9:57 AM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गैर-मान्यता प्राप्त आर्य समाज मंदिर में विवाह कराने के मामले की जांच के आदेश दिए

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जालंधर में पुलिस आयुक्त को आर्य समाज मंदिर में पुरोहित द्वारा किए गए विवाह की सत्यता की जांच करने का निर्देश दिया, जो कथित तौर पर किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा रजिस्टर्ड/मान्यता प्राप्त नहीं है।

    भागे हुए जोड़े ने अदालत से सुरक्षा की मांग करते हुए दावा किया कि उक्त मंदिर ने उन्हें विवाह प्रमाणपत्र जारी किया और उन्हें लड़की के परिवार से धमकियां मिल रही हैं।

    हालांकि, मामले में पेश हुए सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर ने हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया कि उक्त आर्य समाज मंदिर रजिस्टर्ड नहीं है, जो उस पुजारी की सत्यता पर सवाल उठाता है, जिसने विवाह कराया और विवाह प्रमाण पत्र जारी किया।

    यह कहते हुए कि इस मुद्दे में व्यापक सार्वजनिक हित शामिल है, जस्टिस संदीप मौदगिल ने पुलिस आयुक्त, जालंधर को आर्य समाज विवाह की सत्यता सहित कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह पता लगाया जाए कि क्या यह हिंदू रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार किया गया था। इसकी जांच करने के बाद पुरोहित आयुक्तालय को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।

    हालांकि, अदालत ने जोड़े के पक्ष में सुरक्षा आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, क्योंकि लड़की के माता-पिता ने बयान दायर किया कि उन्होंने जोड़े के विवाहित जीवन में कभी कोई बाधा या समस्या पैदा नहीं की।

    न्यायालय ने कहा,

    "इसलिए इस न्यायालय के पास मामले में हस्तक्षेप को आमंत्रित करने वाली तत्काल याचिका में किए गए दावों पर विश्वास करने और पुलिस अधिकारियों को याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत प्रतिनिधित्व, यदि कोई हो, पर निर्णय लेने जैसा निरर्थक कार्य सौंपने का कोई कारण नहीं है, बल्कि प्रथम दृष्टया वर्तमान याचिका केवल कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग प्रतीत होती है।''

    अपीयरेंस: असविंदर सिंह राणा, याचिकाकर्ताओं के वकील।

    एच.एस. सिट्टा, डीएजी पंजाब।

    केस टाइटल: एक्स बनाम पंजाब राज्य और अन्य।

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