कोर्ट फाइलिंग में वादी की जाति/धर्म का उल्लेख नहीं होगा: गुवाहाटी हाईकोर्ट
Praveen Mishra
2 Feb 2024 6:40 PM IST
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 30 जनवरी, 2024 को तत्काल प्रभाव से एक अधिसूचना जारी की जिसके द्वारा उसने निर्देश दिया कि गुवाहाटी हाईकोर्ट या उसके अधिकार क्षेत्र की अदालतों के समक्ष दायर किसी भी याचिका/मुकदमे/कार्यवाही में पक्षकारों के ज्ञापन में वादी की जाति/धर्म का उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं होगी। गुवाहाटी उच्च न्यायालय का यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थानांतरण याचिका (सिविल) संख्या 1957/2023 में पारित 10 जनवरी, 2024 के आदेश के बाद आया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि देश भर की सभी अदालतें याचिकाओं और मुकदमों में वादियों की जाति और धर्म का उल्लेख करने की प्रथा को रोकें।
"गुवाहाटी हाईकोर्ट की प्रिंसिपल सीट और बाहरी बेंचों के संबंध में मौजूदा फाइलिंग फॉर्म तदनुसार संशोधित किया गया है और नए मामले दायर करने के समय इसका उपयोग किया जाना है। संशोधित फाइलिंग फॉर्म इस अधिसूचना के साथ संलग्न है, "गुवाहाटी हाईकोर्ट की अधिसूचना पढ़ी गई है। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य सभी न्यायालयों/अधिकरणों के पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने संबंधित न्यायालयों/न्यायाधिकरणों के फाइलिंग फॉर्म में आवश्यक संशोधन करें और उसके बाद नए मामले दायर करते समय संशोधित फॉर्म का उपयोग किया जाए।