राज्य विधानसभा की कार्यवाही के पक्षपातपूर्ण प्रसारण का आरोप लगाने वाली विपक्षी नेता की याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा

Shahadat

8 Jan 2024 8:28 AM GMT

  • राज्य विधानसभा की कार्यवाही के पक्षपातपूर्ण प्रसारण का आरोप लगाने वाली विपक्षी नेता की याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य विधानसभा की कार्यवाही के पक्षपातपूर्ण प्रसारण का आरोप लगाया गया।

    बाजवा ने आरोप लगाया कि विधानसभा के लाइव टेलीकास्ट के दौरान, जब विपक्षी विधायक बोल रहे होते हैं तो कैमरा अनफोकस्ड होता है। उनका पूरा भाषण नहीं दिखाया जाता है, जबकि जब सत्ता पक्ष के सदस्य बोल रहे होते हैं तो प्रसारण बहुत स्पष्ट होता है।

    एक्टिंग चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने राज्य सरकार, विधानसभा स्पीकर और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया।

    बाजवा ने याचिका में कहा कि जब सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य बोल रहे होते हैं तो कैमरा फोकस होता है और पूरा ऑडियो उठाया जाता है। साथ ही जब विपक्ष के विधायक बोलते हैं तो "स्पीकर पर कैमरा ज़ूम किया जाता है।" उन्होंने विधानसभा के विभिन्न शॉट्स भी संलग्न किए हैं, जिसमें कहा गया कि यह विपक्ष के प्रति असमान व्यवहार को दर्शाता है।

    याचिका में तर्क दिया गया कि विपक्ष के विधायक और सरकार के विधायक दोनों अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं, इसलिए भेदभाव उनके घटकों के अधीन हो जाता है।

    इससे पहले कोर्ट ने पूछा था कि लाइव टेलीकास्ट चलाने के लिए कौन जिम्मेदार है। ...क्या यह निजी कंपनी है या कोई और? क्या कोई क़ानून है जिसके तहत यह शासित है?

    याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उन्हें प्राप्त आरटीआई प्रतिक्रिया के अनुसार,

    "पंजाब विधानसभा की कार्यवाही का टेलीकास्ट माननीय अध्यक्ष की अनुमति से सूचना और जनसंपर्क विभाग, पंजाब सरकार, चंडीगढ़ द्वारा किया जाता है।"

    आरटीआई जवाब में कहा गया,

    "पंजाब विधानसभा ने आज तक सदन की कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट के संबंध में कोई नियम, निर्देश और दिशानिर्देश तैयार नहीं किए।"

    यह भी कहा गया कि पंजाब विधानसभा में वर्चुअल कार्यवाही के ब्रॉडकास्टिंग पर होने वाले खर्च की जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पंजाब से प्राप्त की जा सकती है।

    कहा गया,

    "विधानसभा सचिवालय द्वारा इस उद्देश्य के लिए कोई खर्च नहीं किया जाता।"

    हाईकोर्ट ने आरटीआई के जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया और राज्य को 4 सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

    याचिकाकर्ता की ओर से वकील अर्शप्रीत कादियाल पेश हुए।

    केस टाइटल: प्रताप सिंह बाजवा बनाम पंजाब राज्य।

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