'हमें आप पर भरोसा नहीं है': गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार के दोषी और आशाराम बापू के बेटे नारायण साईं से कहा

Shahadat

29 Jan 2024 12:18 PM GMT

  • हमें आप पर भरोसा नहीं है: गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार के दोषी और आशाराम बापू के बेटे नारायण साईं से कहा

    गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार के दोषी और आशाराम बापू के बेटे नारायण साईं की याचिका स्वीकार करने में अनिच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी प्रार्थना पर्याप्त मेडिकल दस्तावेजों द्वारा समर्थित नहीं है। इसके साथ ही बलात्कार के दोषी और स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं ने अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए 20 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका वापस ले ली।

    जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस विमल के व्यास की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा,

    “तुम्हारे इतिहास को देखते हुए हमें तुम पर भरोसा नहीं है। अदालत ने आप पर 1 लाख (2022 में जाली मेडिकल दस्तावेज़ दाखिल करने के लिए) रुपये का जुर्माना लगाया था। जिन दस्तावेजों पर आप भरोसा कर रहे हैं, वे सभी दस्तावेज शपथ पत्र पर होने चाहिए। हलफनामे पर सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ नया आवेदन दायर करें, जिससे इसकी प्रामाणिकता की जांच की जा सके... हमें आप पर भरोसा नहीं है।''

    अदालत ने मार्च, 2022 में अस्थायी जमानत प्राप्त करने के लिए एचसी के समक्ष अपनी मां के फर्जी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पेश करने के नारायण साईं के कथित कृत्य का जिक्र कर रही थी। हाईकोर्ट के उदाहरण पर शुरू की गई जांच से पता चला कि साईं के साथी ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया था। सर्टिफिकेट झूठा संकेत देते हुए कि उनकी मां पामलैंड अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं।

    2002 और 2005 के बीच अपने पिता के आश्रम में महिला के खिलाफ यौन उत्पीड़न के कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद साईं वर्तमान में सूरत जेल में बंद है।

    इस महीने की शुरुआत में उसने इस आधार पर अंतरिम जमानत याचिका दायर की कि वह अपने बीमार पिता की देखभाल करना चाहता है, जो बलात्कार का दोषी भी है। उसने दावा किया कि वह 'गंभीर रूप से बीमार' है और अस्पताल में भर्ती है। हालांकि, नारायण के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए हाईकोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करने में अनिच्छा व्यक्त की।

    गांधीनगर की अदालत ने पिछले साल आसाराम बापू, जिन्हें आसुमल सिरुमलानी हरपलानी के नाम से भी जाना जाता है, उनको अपनी पूर्व शिष्या सूरत की महिला के साथ 2001 से 2007 के बीच बार-बार बलात्कार करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जब वह मोटेरा, अहमदाबाद में अपने आश्रम में रहती थी। वह 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

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