गुजरात हाईकोर्ट ने 2025-26 तक लॉ ग्रेजुएट्स को एकबारगी नामांकन देने पर BCI की सराहना की

Praveen Mishra

28 July 2025 11:45 AM IST

  • गुजरात हाईकोर्ट ने 2025-26 तक लॉ ग्रेजुएट्स को एकबारगी नामांकन देने पर BCI की सराहना की

    गुजरात हाईकोर्ट को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने सूचित किया कि उसने "एक बार की विशेष राहत" देने का निर्णय लिया है, जो कि केवल उन ग्रांट-इन-एड लॉ कॉलेजों के एलएल.बी. पास छात्रों तक सीमित होगी जिनका उल्लेख कुछ विधि स्नातकों द्वारा दायर रिट याचिकाओं में किया गया है। इन छात्रों को 2025-2026 शैक्षणिक सत्र तक नामांकन प्रमाणपत्र (Enrolment Certificate) प्रदान किया जाएगा।

    कोर्ट ने BCI द्वारा इस सकारात्मक कदम की सराहना की और कहा कि बार काउंसिल ने कोर्ट के पूर्व निर्देशों को स्वीकार करते हुए यह उचित फैसला लिया है। पहले कोर्ट ने BCI को यह विचार करने को कहा था कि उन संस्थानों के छात्रों को नामांकन देने पर पुनर्विचार करें, जिन संस्थानों ने पूर्व प्रभाव से मान्यता के लिए शुल्क जमा नहीं किया था।

    जस्टिस निखिल एस. करियल ने अपने आदेश में कहा:

    "एडवोकेट श्री मनन शाह ने 05.07.2025 की BCI की लीगल एजुकेशन कमेटी की स्थायी समिति के प्रस्ताव की प्रति प्रस्तुत की, जिसे 06.07.2025 को BCI की जनरल काउंसिल की बैठक में अनुमोदित किया गया। यह प्रस्ताव विशेष रूप से इस कोर्ट के 04.07.2025 के आदेश के अनुपालन में पारित किया गया। प्रस्ताव के अनुसार, BCI ने यह निर्णय लिया है कि रिट याचिकाओं में उल्लिखित ग्रांट-इन-एड कॉलेजों से 2025-2026 शैक्षणिक सत्र तक एलएल.बी. पास करने वाले छात्रों को एक बार की राहत स्वरूप नामांकन दिया जाएगा। कोर्ट छात्रों के हित में BCI द्वारा लिए गए इस सकारात्मक फैसले की सराहना करता है।"

    कोर्ट ने यह भी माना कि BCI ने अदालत के निर्देशों को "सही भावना" के साथ अपनाया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे 5 जुलाई 2025 की BCI की प्रस्तावना का सख्ती से पालन करें, ताकि 2026-2027 सत्र से दाखिला लेने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में न पड़े।

    इस बीच, याचिकाकर्ता विधि स्नातकों की ओर से अधिवक्ता ने एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि भले ही BCI ने याचिकाकर्ताओं और ग्रांट-इन-एड कॉलेजों के ऐसे अन्य छात्रों को नामांकन देने की अनुमति दे दी है, फिर भी नामांकन की तिथि को लेकर समस्या आ सकती है।

    याचिकाकर्ता के वकील ने अनुरोध किया कि गुजरात बार काउंसिल को निर्देश दिया जाए कि वे याचिकाकर्ताओं और इसी स्थिति में पड़े अन्य एलएल.बी. स्नातकों को उनकी आवेदन तिथि के बाद होने वाली अगली बैठक की तिथि से नामांकन प्रदान करें, बशर्ते वे 2025-2026 सत्र तक उत्तीर्ण हुए हों।

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