न्यायालय के समय के बाद/छुट्टियों के दिन दायर की गई अत्यावश्यक याचिकाओं को सूचीबद्ध करने से पहले चीफ जस्टिस की मंजूरी की आवश्यकता होती है: गुजरात हाईकोर्ट
Amir Ahmad
2 May 2025 11:18 AM IST

गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार (1 मई) को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें न्यायालय की छुट्टियों के दौरान या नियमित न्यायालय समय के बाद दायर किए गए अत्यावश्यक मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई।
सर्कुलर में दिनेशभाई भगवानभाई बंभानिया एवं अन्य बनाम गुजरात राज्य एवं अन्य में पहले पारित न्यायिक निर्देशों का उल्लेख है।
रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी परिपत्र में आगे कहा गया,
"मुझे माननीय चीफ जस्टिस द्वारा यह अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया कि न्यायालय की छुट्टियों के दिन या न्यायालय समय के बाद अत्यावश्यक मामलों में राहत चाहने वाले वकीलों को पहले रजिस्ट्री के निम्नलिखित सीनियर अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए, जिन्हें विशेष रूप से उक्त उद्देश्य के लिए नियुक्त किया गया, जो नियमों के अनुसार कागजात की जांच करने और माननीय चीफ जस्टिस से आवश्यक अनुमति/अनुमोदन प्राप्त करने के बाद संबंधित वकीलों को निर्देशों के बारे में सूचित करेंगे और यदि अनुमति हो तो संबंधित माननीय न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध करेंगे।”
01.04.2016 को तय किए गए उपर्युक्त मामले में जस्टिस के.एस. झावेरी और जस्टिस जी.बी. शाह की खंडपीठ ने विशिष्ट प्रक्रियात्मक आवश्यकताएं निर्धारित की थीं। न्यायालय ने निर्देश दिया कि ऐसे सभी मामलों में जहां मामले को डाकघर या अदालत के समय या छुट्टियों के दिनों में स्थानांतरित करने की मांग की जाती है, रजिस्ट्री को ऐसे मामलों पर तब तक विचार नहीं करना चाहिए, जब तक कि उन्हें लागू नियमों के अनुसार टाइप और पुष्टि न की गई हो। इसके अलावा, संबंधित विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चीफ जस्टिस से उचित निर्देशों के लिए ट्रांसफर किए जाने से पहले ऐसी कोई भी याचिका या आवेदन निर्धारित प्रारूप और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का सख्ती से अनुपालन करता है।
न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित करना रजिस्ट्री की जिम्मेदारी होगी कि माननीय चीफ जस्टिस या किसी संबंधित कोर्ट/जज की अनुमति लेने से पहले मामले को नियमों के तहत आवश्यक उचित प्रारूप में प्रस्तुत किया जाए। इन निर्देशों का उद्देश्य असाधारण घंटों के दौरान अधूरी या गैर-अनुपालन वाली फाइलिंग को ट्रांसफर होने से रोकना है।
फैसले के पैरा 11 में लिखा है,
"समापन से पहले हम यह भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि ऐसे मामलों में जहां मामले कार्यालय/अदालत के समय के बाद या छुट्टियों के दौरान स्थानांतरित किए जाते हैं। रजिस्ट्री इसके बाद किसी भी मामले को तब तक ट्रांसफर नहीं करेगी, जब तक कि उसे नियमों के अनुसार टाइप और पुष्टि नहीं कर ली जाती। संबंधित विभाग किसी भी मामले में यह देखेगा कि याचिका/आवेदन नियमों के अनुरूप है। उसके बाद ही मामला संबंधित अदालत के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए माननीय चीफ जस्टिस से उचित अनुमति लेने के लिए स्थानांतरित किया जाएगा। रजिस्ट्री यह देखेगी कि माननीय चीफ जस्टिस और/या संबंधित कोर्ट/जज के पास जाने से पहले संबंधित मामला नियमों के तहत निर्धारित उचित प्रारूप में है।"

