अलगाववादी नेता नईम खान ने जेल प्रशासन द्वारा जारी किए गए विभिन्न सर्कुलर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

Shahadat

8 Feb 2025 10:11 AM IST

  • अलगाववादी नेता नईम खान ने जेल प्रशासन द्वारा जारी किए गए विभिन्न सर्कुलर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया

    अलगाववादी नेता नईम अहमद खान ने जेल प्रशासन द्वारा जारी किए गए विभिन्न सर्कुलर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले की सुनवाई सोमवार को जस्टिस सचिन दत्ता करेंगे।

    खान ने महानिदेशक (कारागार) द्वारा 02 सितंबर, 2022, 26 दिसंबर, 2022, 22 अप्रैल, 2024 और 22 मई, 2024 को जारी सर्कुलर को चुनौती दी है। उनका कहना है कि विवादित सर्कुलर मनमाने हैं और दिल्ली कारागार अधिनियम, 2000 की धारा 49 और दिल्ली कारागार नियम, 2018 के नियम 629 से 633 के विरुद्ध हैं।

    खान 14 अगस्त, 2017 से न्यायिक हिरासत में है। उन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा कश्मीर घाटी में "अशांति पैदा करने" का आरोप लगाया गया है। उन्हें 24 जुलाई, 2017 को UAPA मामले में गिरफ्तार किया गया था।

    चूंकि उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 121 और 121ए के साथ-साथ UAPA के तहत आरोप लगाए गए, इसलिए अधिकारियों ने कहा है कि खान दिल्ली जेल नियमावली के नियम 631 के तहत कैदियों की विशेष श्रेणी में आते हैं। उन्हें फोन कॉल या ई-मुलाकात सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    खान का कहना है कि तिहाड़ जेल के अधीक्षक ने मनमाने ढंग से इस बहाने से सुविधाएं वापस ले लीं कि NIA ने विवादित परिपत्रों के अनुसार "अनापत्ति प्रमाण पत्र" प्रदान नहीं किया।

    खान ने प्रस्तुत किया कि कैदियों के एक निश्चित वर्ग से फोन कॉल और ई-मुलाकात सुविधाओं को रोकना सजा के रूप में है।

    याचिका में कहा गया कि NIA से NOC न मिलने के कारण विवादित सर्कुलर के बहाने खान के फोन कॉल और ई-मुलाकात सुविधाओं को मनमाने ढंग से वापस लेना दिल्ली कारागार अधिनियम की धारा 49 के विपरीत है, जिसमें प्रावधान है कि न्यायिक आदेश के अलावा किसी कैदी को कानून के तहत निर्धारित दंड के अलावा कोई अन्य दंड नहीं दिया जा सकता। खान ने विवादित सर्कुलर को इस आधार पर चुनौती दी कि NIA से NOC या मंजूरी लेने का आदेश विचाराधीन कैदी को दंड देने के समान है।

    याचिका में कहा गया,

    "याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि विवादित सर्कुलर में दिए गए आदेश और आईपीसीएस और ई-मुलाकात सुविधाओं का लाभ उठाने के अधिकार को मनमाने ढंग से रोकने और वापस लेने के प्रतिवादी नंबर 2, 4 और 5 की कार्रवाई भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के विपरीत है।"

    खान के खिलाफ UAPA मामले में आरोप लगाया गया कि कश्मीर घाटी में "सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों को व्यवस्थित रूप से जलाना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना" के जरिए अशांति पैदा करने के लिए एक बड़ी आपराधिक साजिश रची गई।

    यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और 124ए तथा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1967 की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 39 और 40 के तहत दर्ज किया गया।

    केस टाइटल: नईम अहमद खान बनाम एनसीटी दिल्ली राज्य और अन्य।

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