दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू से बौद्ध धर्म अपनाने वालों को SC/ST आरक्षण देने के खिलाफ याचिका खारिज की
Praveen Mishra
13 Aug 2025 5:47 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंदू धर्म अपनाने वालों को एससी/एसटी आरक्षण का लाभ देने की शक्ति पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई करने से बुधवार को इनकार कर दिया।
अदालत ने याचिकाकर्ता को नई याचिका दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दी।
चीफ़ जस्टिस डी के उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला की खंडपीठ एक वकील द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म अपनाने वाले लोगों को एससी/एसटी आरक्षण का लाभ देने की संवैधानिक वैधता पर पुनर्विचार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा, ''यह कुछ परिपत्र, अधिनियम, अधिसूचना द्वारा किया गया है... यह कैसे किया गया है?" खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से पूछा।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता से यह बताने को कहा कि किस उपाय से इस तरह का लाभ दिया गया है।
अदालत ने आगे मौखिक रूप से पूछा, 'वह दस्तावेज कहां है? हम क्या हड़ताल करते हैं?" इस स्तर पर याचिकाकर्ता ने इस तरह के दस्तावेज को रिकॉर्ड पर रखने का अवसर मांगा।
अदालत ने हालांकि वकील से कहा कि वह सीनियर एडवोकेट से सलाह मशविरा करें और उचित याचिका का मसौदा तैयार करें।
खंडपीठ ने कहा, ''इस रूप में याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। एक नई याचिका दायर करें। किसी सीनियर एडवोकेट से सलाह लें"
इसके बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता जो व्यक्तिगत रूप से पेश होता है, कहता है कि उसे नई याचिका दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दी जा सकती है। तदनुसार, याचिका को स्वतंत्रता के साथ वापस लेने के रूप में खारिज कर दिया गया है। हम यह स्पष्ट करते हैं कि याचिकाकर्ता द्वारा दायर किसी भी अन्य याचिका पर केवल उचित और पर्याप्त दलीलों और प्रार्थनाओं पर ही विचार किया जाएगा।

