दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से ऑटो रिक्शा का मीटर से किराया वसूलना सुनिश्चित करने को कहा

Praveen Mishra

25 Oct 2024 6:18 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से ऑटो रिक्शा का मीटर से किराया वसूलना सुनिश्चित करने को कहा

    शहर में ऑटोरिक्शा में किराया मीटर लगाने पर नियम लागू करने पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सरकार से मौखिक रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि लोग नियम का पालन करें और मीटर के अनुसार ऑटो किराए का भुगतान करें।

    इसके बाद अदालत ने आनंद मिश्रा द्वारा दायर याचिका का निस्तारण कर दिया और दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग से कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके प्रतिवेदन पर तीन सप्ताह के भीतर फैसला करे।

    याचिका में परिवहन विभाग को दिल्ली मोटर वाहन नियम, 1993 के नियम 74 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। नियम 74 में ऑटोरिक्शा/टैक्सियों में किराया मीटर लगाने का प्रावधान है। याचिका में कहा गया है कि 2018 से किराया मीटर परिचालन में नहीं हैं और प्रतिवादियों ने स्थिति को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

    सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेदेला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से मौखिक रूप से पूछा कि लोग मीटर का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं।

    इस पर वकील ने कहा, 'यह ऑटो रिक्शा है माय लॉर्ड.. यह निजी बातचीत है। हर ऑटोरिक्शा में एक मीटर होता है। यह यात्री को कार्रवाई करनी है। हर ऑटोरिक्शा में शिकायत नंबर दिया गया है... अगर ऑटोरिक्शा चालक मीटर किराए का पालन नहीं कर रहा है।

    इस स्तर पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा, "इसे लागू किया जाना चाहिए। इससे असुविधा नहीं हो सकती... यहां तक कि जब हम छोटे थे और हम एक ऑटोरिक्शा लेते थे, तो कई बार ऑटोरिक्शा वाले रूमाल या किसी चीज से मीटर को कवर करते थे और वे बातचीत करते थे। लेकिन यह गलत है।

    इसके बाद अदालत ने कहा, तब आपको औचक जांच भी करनी चाहिए। आपके पास निरीक्षक हैं। आपने निरीक्षकों को नियुक्त किया है, उन्हें जमीनी स्तर पर होना चाहिए।

    अदालत ने अपना आदेश लिखवाते हुए कहा कि याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने 17 सितंबर को प्रतिवादी संख्या 2-परिवहन विभाग को एक प्रतिवेदन दिया है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।

    रिट याचिका में कही गई बातों को ध्यान में रखते हुए, प्रतिवादी नंबर 2 को तीन सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार याचिकाकर्ता के 17 सितंबर के प्रतिनिधित्व पर फैसला करने के निर्देश के साथ इसका निपटारा किया जाता है। यदि प्रतिवादी नंबर 2 द्वारा कोई कार्रवाई की जानी है, तो वह भी कानून के अनुसार की जाएगी।

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