Parliament Security Breach: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी मनोरंजन डी की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया
Amir Ahmad
26 March 2025 2:46 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को संसद सुरक्षा भंग मामले में गिरफ्तार छह लोगों में से एक मनोरंजन डी की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया।
यह मामला दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया था।
आरोप है कि मनोरंजन सह आरोपी सागर शर्मा के साथ संसद के अंदर घुसे सार्वजनिक गैलरी से कूदे नारे लगाए और कनस्तर से अज्ञात रासायनिक पदार्थ छिड़का, जिससे सांसदों की जान को खतरा पैदा हो गया।
जस्टिस चंद्र धारी सिंह और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 24 जुलाई के लिए सूचीबद्ध की।
सुनवाई के दौरान मनोरंजन के वकील ने कहा कि हालांकि विरोध करने का उनका तरीका गलत था लेकिन संसद में घुसकर कोई आतंकवादी कृत्य करने का उनका इरादा नहीं था।
उन्होंने कहा,
"क्या उनका कृत्य UAPA के तहत आता है यह सवाल है। वे सभी उच्च शिक्षित हैं। उनका इरादा बेरोजगारी जैसे मुद्दों को प्रदर्शित करना था। उन्होंने जो तरीका अपनाया, वह पूरी तरह से गलत था। तरीका गलत था और इस तरह से विरोध करना उनका काम नहीं है।”
इस पर जस्टिस सिंह ने मौखिक रूप से टिप्पणी की
"उच्च शिक्षित लोग अधिक खतरनाक होते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि…”
इसके बाद न्यायालय ने मामले में नोटिस जारी किया।
मनोरंजन ने पिछले साल 24 दिसंबर को मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया और मनोरंजन के मामले में जांच पूरी हो चुकी है। इसमें कहा गया कि मनोरंजन निर्दोष है और उसे बिना किसी ठोस सबूत के गिरफ्तार किया गया।
याचिका में कहा गया,
"जांच एजेंसी ने आज तक कोई भी महत्वपूर्ण सामग्री बरामद नहीं की, न ही याचिकाकर्ता के पास से या उसकी हिरासत से कुछ भी बरामद किया जाना बाकी है, जिसके लिए FIR दर्ज करना और गिरफ्तारी करना उचित हो।"
इसमें कहा गया कि इस मामले में UAPA के तहत अपराध नहीं बनते हैं, क्योंकि UAPA की धारा 15 के तत्व, जिसमें आतंकवादी कृत्य की परिभाषा है, पूरी नहीं हुई।
याचिका में कहा गया,
“यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता कभी भी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं था और कथित कृत्य में भी कोई आपराधिक इरादा सामने नहीं आया। आपराधिक इरादे के बिना किया गया कृत्य कानून की नज़र में अपराध नहीं माना जा सकता। जैसा कि बार-बार कहा गया, याचिकाकर्ता न तो कोई पदार्थ ले जा रहा था और न ही ऐसा कोई कार्य या आचरण किया जिससे जान-माल को नुकसान पहुंचे।”
2001 के संसद आतंकी हमले की सालगिरह पर एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन में दो व्यक्ति सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा के कक्ष में कूद गए, जब शून्यकाल चल रहा था। दोनों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में हुई।
सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों और वीडियो में दोनों को पीले रंग की गैस छोड़ने वाले कनस्तर पकड़े हुए देखा गया। वे नारे भी लगा रहे थे। हालांकि, कुछ सांसदों ने उन्हें काबू में कर लिया।
अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद नाम के दो अन्य आरोपियों ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव किया। वे कथित तौर पर चिल्ला रहे थे- तानाशाही नहीं चलेगी।
केस टाइटल: मनोरंजन डी बनाम राज्य (दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार)