NEET (UG) 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने Grace Marks दिए जाने के खिलाफ याचिका पर NTA से जवाब मांगा

Shahadat

8 Jun 2024 4:36 AM GMT

  • NEET (UG) 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने Grace Marks दिए जाने के खिलाफ याचिका पर NTA से जवाब मांगा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 05 मई को आयोजित NEET (UG) परीक्षा में उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स (Grace Marks) दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से उसका जवाब मांगा।

    जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की अवकाश पीठ 17 वर्षीय श्रेयांसी ठाकुर (अपनी मां के माध्यम से) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो परीक्षा में शामिल हुई थी।

    न्यायालय ने मामले में निर्देश प्राप्त करने के लिए NTA के वकील को समय दिया और मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की।

    ठाकुर टेस्ट बुकलेट कोड आर5 में प्रश्न नंबर 29 के लिए दी गई आंसर की से व्यथित हैं। उनका कहना है कि प्रश्न में निर्देशों के विपरीत दो सही उत्तर दिए गए, जिससे उनके अंकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

    याचिका में कहा गया,

    प्रतिवादी द्वारा प्रकाशित आंसर की उन सभी स्टूडेंट को अंक प्रदान करती है, जिन्होंने कथित सही उत्तरों में से कोई एक चुना है, जिससे उन लोगों को लाभ होता है, जिन्होंने उत्तर का अनुमान लगाया या जिस उत्तर को उन्होंने सही समझा, उस पर निशान लगा दिया। प्रतिवादी का यह कृत्य उन अभ्यर्थियों के साथ भेदभावपूर्ण है, जिन्होंने निर्देशों का पालन किया और प्रश्न नंबर 29 के लिए उत्तर नहीं दिया, क्योंकि उसके दो सही उत्तर थे।"

    इसमें आगे कहा गया,

    "यह उन सभी अभ्यर्थियों के अधिकारों का घिनौना उल्लंघन है, जिन्हें इस मनमानी से कोई लाभ नहीं मिलता और वे अपनी रैंक खो देते हैं (रैंक में अंतर लगभग 20,000 और उससे अधिक है)। इसलिए बेहतर भविष्य हासिल करने की संभावना खो देते हैं।"

    ठाकुर ने उन सभी को समान अंक देने का निर्देश देने की मांग की, जिन्होंने प्रश्न का प्रयास नहीं किया। वह NTA सूचना बुलेटिन के उस हिस्से को भी अलग करने की मांग करती है, जिसमें आरोप लगाया गया कि यह गलत प्रश्नों और गलत तरीके से दो गलत उत्तर वाले प्रश्नों के बीच मनमाने ढंग से भेदभाव करता है।

    याचिका में NTA को संशोधित अंकों के आधार पर NEET (UG) 2024 के परिणाम, रैंक और प्रतिशत को फिर से प्रकाशित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।

    केस टाइटल: श्रेयांसी ठाकुर बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी

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