'केवल पुनर्विचार याचिका दायर करने की संभावना जब्त सामान रोके रखने का आधार नहीं': दिल्ली हाईकोर्ट ने सोने के आभूषण वापस करने का आदेश दिया
Shahadat
27 Aug 2025 10:30 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिला को राहत प्रदान की, जिसकी मक्का से लौटने पर सोने की चूड़ियां कस्टम विभाग द्वारा जब्त कर ली गई थीं। इन चूड़ियों को निर्णायक प्राधिकारी के आदेश के बावजूद उन्हें रोक लिया गया, जिसमें रिहाई का निर्देश दिया गया।
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि विभाग वापसी के आदेश की पुनर्विचार करने की योजना बना रहा है, जैसा कि अपीलीय प्राधिकारी ने बरकरार रखा है, जब्त वस्तुओं की वापसी को रोकने का आधार नहीं है।
याचिकाकर्ता के मक्का से दिल्ली लौटने पर उससे चार सोने की चूड़ियां जब्त की गईं। हालांकि, निर्णायक प्राधिकारी ने लागू कस्टम के साथ जुर्माना अदा करने पर उन्हें छुड़ाने की अनुमति दी। विभाग ने इस आदेश को चुनौती दी, लेकिन अपीलीय प्राधिकारी ने अपील खारिज कर दी।
इस प्रकार, याचिकाकर्ता ने उक्त दोनों आदेशों को लागू करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया। विभाग ने प्रस्तुत किया कि वह उक्त आदेशों के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर कर सकता है।
हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा,
"यह देखते हुए कि आज तक कोई पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की गई और अपील आदेश 26 मई, 2025 को जारी किया जा चुका है, केवल पुनर्विचार याचिका दायर करने की संभावना ही इन आदेशों के कार्यान्वयन को रोकने का आधार नहीं हो सकती।"
विभाग ने यह भी तर्क दिया कि आभूषणों को मुख्यतः इस आधार पर ज़ब्त किया गया कि उनकी शुद्धता 24 कैरेट थी। उसने तर्क दिया कि सामान्य स्वर्ण आभूषणों में इतनी शुद्धता नहीं होती, क्योंकि इतनी शुद्धता पर सोने की लचीलापन बढ़ जाती है, जिससे वे रोज़मर्रा के आभूषणों के रूप में उपयोग के लिए अनुपयुक्त हो जाते हैं।
हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कोई आदतन अपराधी नहीं है और उसे किसी तस्करी गिरोह का हिस्सा नहीं माना जा सकता।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने कई मौकों पर यह भी माना कि कस्टम विभाग केवल इस आधार पर आभूषणों को ज़ब्त नहीं कर सकता कि वे 24 कैरेट शुद्धता के हैं।
इन परिस्थितियों में इसने विभाग को निर्देश दिया कि वह न्यायनिर्णायक प्राधिकरण के आदेशों को प्रभावी करे तथा चूड़ियां जारी करे।
Case title: Ashiya v. Commissioner of Customs

