आपत्तिजनक कंटेंट हटाने की मांग करने वाले पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क करें: दिल्ली हाईकोर्ट

Shahadat

1 Dec 2025 8:18 PM IST

  • आपत्तिजनक कंटेंट हटाने की मांग करने वाले पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क करें: दिल्ली हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया कि आपत्तिजनक ऑनलाइन कंटेंट को तुरंत हटाने की मांग करने वाले लोगों को सीधे ज्यूडिशियल रोक लगाने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क करना होगा।

    जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि कोर्ट की कार्यवाही में पेश होने वाले सोशल मीडिया इंटरमीडियरी खराब और गलत कंटेंट हटाने के लिए ऐसी शिकायतों पर कोई आपत्ति नहीं करते हैं।

    कोर्ट ने कहा,

    "इसलिए यह साफ किया जाता है कि अगर अब से कोई शिकायतकर्ता/वादी IT इंटरमीडियरी रूल्स के तहत दिए गए कानूनी तरीके का इस्तेमाल किए बिना कोर्ट जाता है तो उस पार्टी को एकतरफा अंतरिम रोक का हकदार नहीं माना जा सकता। साथ ही कोर्ट उस पार्टी को पहले बताए गए रूल्स के तहत अपना उपाय इस्तेमाल करने का निर्देश देगा।"

    इसमें यह भी कहा गया कि वकीलों की यह ज़िम्मेदारी है कि वे केस करने वालों को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 के तहत दिए गए कानूनी उपाय के बारे में सलाह दें।

    जस्टिस अरोड़ा ने बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए एकतरफ़ा अंतरिम रोक के आदेश में यह सफाई दी।

    एकतरफ़ा रोक जारी करने से पहले कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग यूज़र्स द्वारा अपलोड की गई एक्टर की दूसरी महिला सेलेब्रिटीज़ के साथ AI से बनी तस्वीरें, जो कथित तौर पर खराब, गलत और पहली नज़र में अश्लील हैं, उन्हें IT Rules के अनुसार हटाने के लिए संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को रिपोर्ट किया जा सकता था।

    कोर्ट ने कहा कि यह देवगन जैसे शिकायतकर्ता को कानून द्वारा दिया गया एक असरदार उपाय है, जो न केवल किफ़ायती है बल्कि समय के हिसाब से भी सही है और जिन पोस्ट्स की शिकायत की गई, उनमें से कुछ पर IT इंटरमीडियरी रूल्स के रूल 3(2) के अनुसार कार्रवाई की जा सकती थी।

    कोर्ट ने आगे कहा कि एक्टर जैसे लोग कानूनी सिस्टम का इस्तेमाल किए बिना सीधे कोर्ट जा रहे हैं, इसलिए IT इंटरमीडियरी रूल्स के मकसद को नकार रहे हैं।

    कोर्ट ने कहा,

    “कानूनी सिस्टम का मकसद शिकायत करने वाले को असरदार सुधार का सिस्टम देना और साथ ही ज्यूडिशियल सिस्टम पर बोझ कम करना है। इसके अलावा, यह कोर्ट यह भी देखता है कि कोर्ट की कार्रवाई में शामिल होने वाले सोशल मीडिया इंटरमीडियरी खराब और गलत कंटेंट हटाने के लिए ऐसी शिकायतों पर कोई आपत्ति नहीं करते हैं।”

    Title: AJAY ALIAS VISHAL VEERU DEVGAN v. THE ARTISTS PLANET & ORS

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