गृहिणी मकानमालकिन पति के कल्याण और पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए किराए की संपत्ति मांग सकती है: दिल्ली हाईकोर्ट
Praveen Mishra
23 Oct 2025 3:38 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर मकानमालकिन गृहिणी है, तो वह अपने पति के कल्याण और पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए किराए पर दी गई संपत्ति वापस मांग सकती है। यह “सद्भावनापूर्ण आवश्यकता” (bona fide requirement) मानी जाएगी।
जस्टिस सौरभ बनर्जी ने कहा कि मकानमालकिन का पति उम्र में बड़ा और उस पर निर्भर है, यह जरूरत साबित करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि गृहिणी को ऐसी कोई जरूरत नहीं हो सकती। कानून में मकानमालिक के परिवार के सदस्य भी “अपने उपयोग” की परिभाषा में शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि केवल इसलिए कि मकानमालिक एक महिला है, उसे अलग तरीके से नहीं देखा जा सकता। पति की निर्भरता या आर्थिक स्थिति जैसी बातें बेदखली याचिका की वैधता को प्रभावित नहीं करतीं।
यह मामला उस किरायेदार से जुड़ा था जिसने मकानमालकिन द्वारा दायर बेदखली आदेश को चुनौती दी थी। मकानमालकिन ने कहा था कि उसका बेरोजगार पति ड्राई फ्रूट्स का कारोबार शुरू करना चाहता है और दुकान की जरूरत है।
अदालत ने कहा कि किरायेदार का तर्क कि “पति गृहिणी पर निर्भर नहीं हो सकता” निराधार है। किरायेदार ने यह भी बताया कि वह 30 मई 2026 तक दुकान खाली कर देगा और सभी बकाया बिलों का भुगतान करेगा।
मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।

