दिल्ली हाईकोर्ट ने अनधिकृत निर्माण का आरोप लगाने वाली महिला पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, कहा ब्लैकमेल की कोई छूट नहीं

Praveen Mishra

22 Oct 2025 9:50 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने अनधिकृत निर्माण का आरोप लगाने वाली महिला पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, कहा ब्लैकमेल की कोई छूट नहीं

    दिल्ली हाईकोर्ट ने करोल बाग क्षेत्र में एक संपत्ति पर अनधिकृत निर्माण के आरोप वाली याचिका में न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग और सामग्री तथ्यों को छिपाने के लिए एक महिला पर 1 लाख रुपये का खर्च लगाया है।

    जस्टिस मिनी पुष्करना ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका में यह खुलासा नहीं किया कि उसी कारण से पहले एक दीवानी मुकदमा ट्रायल कोर्ट में दायर किया गया था और वह संबंधित संपत्ति में नहीं रहती थी, जो पिछले बीस साल से खाली पड़ी थी।

    कोर्ट ने कहा कि कोई भी पक्ष जो गलत बयान देता है या कोई महत्वपूर्ण तथ्य छिपाता है या न्यायालय को भ्रमित करने का प्रयास करता है, उसकी याचिका केवल इसी आधार पर खारिज की जा सकती है।

    कोर्ट ने आगे यह भी नोट किया कि याचिकाकर्ता महिला एक उत्तरदाता से पैसे निकालने के उद्देश्य से कोर्ट का सहारा ले रही थी। इस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कोई भी पक्ष किसी अन्य पक्ष से पैसे निकालने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग नहीं कर सकता।

    कोर्ट ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं कि कोर्ट उन मामलों को गंभीरता से लेती है जहाँ अनधिकृत निर्माण होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई पक्ष उन लोगों को ब्लैकमेल कर सकता है जो ऐसे निर्माण कर रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से कानून की प्रक्रिया का गंभीर दुरुपयोग है।”

    कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका न्याय प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि गलत मकसद से दायर की गई थी, और यही कारण है कि न्यायालयों की स्थापना की गई है।

    अतः कोर्ट ने कहा, “उपरोक्त विस्तृत चर्चा के आधार पर, वर्तमान याचिका को खारिज किया जाता है और याचिकाकर्ता पर 1,00,000/- रुपये (एक लाख रुपये) का खर्च लगाया जाता है।”

    यह खर्च दिल्ली हाईकोर्ट एडवोकेट्स वेलफेयर ट्रस्ट में जमा किया जाएगा।

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