Delhi Riots: हाईकोर्ट में ताहिर हुसैन के खिलाफ FIR खारिज
Shahadat
5 Dec 2024 8:02 AM
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ दर्ज FIR खारिज की।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने निर्देश दिया कि संबंधित FIR [FIR 116 ऑफ 2020] में चार्जशीट को दूसरे मामले [FIR 101 ऑफ 2020] में पूरक चार्जशीट के रूप में माना जाए, जो एक ही घटना पर दर्ज की गई, जिसमें दोनों मामलों में आम गवाह शामिल थे।
अदालत ने कहा,
"रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के अवलोकन से पता चलता है कि दोनों FIR में लगभग 9 आम चश्मदीद गवाह हैं। दोनों FIR में 23 गवाह आम हैं। इसलिए अगर FIR नंबर 116/2020 में चार्जशीट को FIR नंबर 101/2020 में पूरक चार्जशीट के रूप में लिया जाता है तो गवाहों/पीड़ितों को कोई नुकसान नहीं होगा और मुकदमा उसी के अनुसार आगे बढ़ सकता है।"
FIR रद्द करते हुए अदालत ने कहा कि वह इस तथ्य नजरअंदाज नहीं कर सकती कि दोनों मामलों में ट्रायल शुरू हो चुका है। दोनों FIR में पीड़ित अलग-अलग हैं। FIR 116/2020 रद्द करने से उक्त FIR में पीड़ितों के साथ अन्याय होगा।
अदालत ने कहा,
"एक ही इमारत में हुई घटना के लिए दो FIR दर्ज करने में अभियोजन पक्ष की गलती से FIR नंबर 116/2020 में पीड़ितों के साथ अन्याय नहीं हो सकता है, अगर FIR नंबर 116/2020 रद्द कर दिया जाता है तो उनके पास कानून में कोई उपाय नहीं होगा।"
2020 की FIR 116 खजूरी खास थाने में दर्ज की गई। इसे दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 114, 147, 148, 149, 153, 323, 392, 395, 427, 436, 454, 505, 120बी और 34 तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 27 के तहत दर्ज किया।
शिकायतकर्ता तेजवीर सिंह के कहने पर FIR दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि 24 फरवरी, 2020 को ताहिर हुसैन के घर की छत पर और आसपास के इलाके में बड़ी भीड़ मौजूद थी और राहगीरों पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंक रही थी।
FIR के अनुसार, कुछ लोगों ने बैंक्वेट हॉल की पार्किंग का शटर तोड़ दिया और वहां मौजूद लोगों को लूट लिया। आरोप है कि भीड़ ने पार्क किए गए वाहनों में से एक को जला दिया और सिंह की मोटरसाइकिल को तोड़ दिया, साथ ही अन्य नुकसान और चोरी की।
दूसरी ओर, कांस्टेबल संग्राम सिंह की शिकायत पर FIR नंबर 101/2020 दर्ज किया गया। मामला उसी घटना पर दर्ज किया गया।
ताहिर हुसैन ने FIR 116/2020 को इस आधार पर रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की कि उसी घटना से संबंधित एक और FIR दर्ज की गई।
उनकी याचिका का निपटारा करते हुए जस्टिस प्रसाद ने कहा कि अदालत ने मामले की योग्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की और यह ट्रायल कोर्ट पर निर्भर है कि वह कानून के अनुसार इस पर फैसला करे।
केस टाइटल: ताहिर हुसैन बनाम एनसीटी दिल्ली राज्य और अन्य।