Breaking- Delhi Riots: हाईकोर्ट ने राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किए गए व्यक्ति की मौत की CBI जांच के आदेश दिए

Shahadat

23 July 2024 2:48 PM IST

  • Breaking- Delhi Riots: हाईकोर्ट ने राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किए गए व्यक्ति की मौत की CBI जांच के आदेश दिए

    दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 23 वर्षीय फैजान की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी। फैजान को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था।

    जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने फैजान की मां किस्मतुन की याचिका स्वीकार की, जिसमें उनके बेटे की मौत की SIT जांच की मांग की गई थी। याचिका 2020 में दायर की गई।

    अदालत ने कहा,

    "मैं याचिका को स्वीकार कर रहा हूं। मैंने जांच CBI को सौंप दी है।"

    यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो से संबंधित है, जिसमें फैजान को कथित तौर पर पुलिस द्वारा चार अन्य लोगों के साथ पीटा जा रहा था, जबकि उसे वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर किया जा रहा था।

    मां की ओर से एडवोकेट वृंदा ग्रोवर, सौतिक बनर्जी और देविका तुलसियानी पेश हुए। दिल्ली पुलिस की ओर से एसपीपी अमित प्रसाद पेश हुए।

    मां ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उस व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में लिया और उसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित रखा, जिसके परिणामस्वरूप 26 फरवरी, 2020 को उसकी मृत्यु हो गई।

    फैजान की ज्योति नगर पुलिस स्टेशन से रिहाई के 24 घंटे के भीतर शहर के जीटीबी अस्पताल में मौत हो गई, जहां उसे पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने के बाद ले जाया गया था।

    अप्रैल में मां ने तर्क दिया कि उसके बेटे की मौत के संबंध में गहन जांच में “अब और देरी नहीं की जा सकती।”

    ग्रोवर ने हाल ही में अवंगशी चिरमायो और अन्य बनाम दिल्ली सरकार और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और प्रस्तुत किया कि इसी तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर मामले को CBI को सौंपना उचित समझा है कि भले ही उस मामले में जांच निष्पक्ष थी, लेकिन यह अप्रभावी दिखी।

    मां ने अदालत को यह भी बताया कि उसके बेटे की मौत “घृणा अपराध और हिरासत में हत्या” है। ग्रोवर ने अदालत को बताया कि उसे “उसके धर्म के कारण निशाना बनाया गया।”

    2022 में समन्वय पीठ ने मामले की जांच में देरी पर दिल्ली पुलिस से सवाल किया था और संबंधित पुलिस उपायुक्त के हस्ताक्षर के तहत विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।

    केस टाइटल: किस्मतुन बनाम राज्य

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