दिल्ली हाईकोर्ट ने EVM के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की माँग वाली पुनर्विचार याचिका खारिज की

Amir Ahmad

9 Oct 2025 5:24 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने EVM के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की माँग वाली पुनर्विचार याचिका खारिज की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के इस्तेमाल को खत्म करने और बैलट पेपर के माध्यम से आम चुनाव कराने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका खारिज की।

    चीफ जस्टिस डी. के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने उपेंद्र नाथ दलाई द्वारा व्यक्तिगत रूप से दायर की गई इस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।

    कोर्ट ने भोजनावकाश से पहले की कार्यवाही में याचिकाकर्ता उपेंद्र नाथ दलाई से पुनर्विचार याचिका दायर करने पर सवाल किया और कहा कि वह न्यायिक समय बर्बाद कर रहे हैं।

    खंडपीठ ने तब सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव से दलाई से बात करने और उन्हें मामले को आगे बढ़ाने के सही तरीके को समझाने का आग्रह किया था।

    भोजनावकाश के बाद राव ने कोर्ट को सूचित किया कि दलाई अपनी पुनर्विचार याचिका पर आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं। इस पर दलाई ने कोर्ट से कहा कि वह याचिका पर ज़ोर देना चाहते हैं। भले ही उसे खारिज कर दिया जाए ताकि वह बाद में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर कर सकें।

    इसके बाद कोर्ट ने संक्षिप्त आदेश दिया,

    "पुनर्विचार याचिका खारिज।"

    दलाई ने 24 सितंबर को बेंच द्वारा पारित आदेश की समीक्षा की मांग की थी, जिसमें देश के आम चुनावों में EVMs के उपयोग के खिलाफ उनकी जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया गया था।

    कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में यह स्पष्ट किया कि जनहित याचिका में उठाए गए सभी मुद्दे पहले भी सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों के ध्यान में आ चुके हैं।

    खंडपीठ ने अपने फैसले के लिए पिछले वर्ष के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर भरोसा किया था। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि EVMs सरल, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल हैं। मतदाता, उम्मीदवार तथा ECI के अधिकारी EVM प्रणाली की बारीकियों से अवगत हैं।

    इसके अलावा, हाईकोर्ट ने 21 जनवरी को एक समन्वय पीठ द्वारा पारित समान याचिका को खारिज करने वाले फैसले पर भी भरोसा किया था। इन्हीं कारणों से हाईकोर्ट ने वर्तमान पुनर्विचार याचिका को भी अस्वीकार कर दिया।

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