दिल्ली हाईकोर्ट ने PM Modi के खिलाफ 'बिच्छू' वाली टिप्पणी को लेकर शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज करने से किया इनकार
Shahadat
29 Aug 2024 3:51 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित 'शिवलिंग पर बिच्छू' वाली टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ दायर मानहानि का मामला खारिज करने से गुरुवार को इनकार किया।
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने थरूर की उस याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने 27 अप्रैल, 2019 को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसमें उन्हें मामले में तलब किया गया। साथ ही BJP नेता राजीव बब्बर द्वारा 2018 में दायर की गई शिकायत भी खारिज की।
16 अक्टूबर, 2020 को समन्वय पीठ ने मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी।
जस्टिस मेंदीरत्ता ने अंतरिम आदेश रद्द किया और पक्षों को 10 सितंबर को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि इस स्तर पर कार्यवाही रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता। न्याय के हित में यह समीचीन होगा कि कार्यवाही को ट्रायल कोर्ट के समक्ष जारी रखने की अनुमति दी जाए।
इसमें कहा गया कि यदि कोई बचाव पक्ष है, तो उसे ट्रायल कोर्ट द्वारा साक्ष्य के आधार पर विचार करने की आवश्यकता है।
बब्बर ने दावा किया कि थरूर द्वारा की गई टिप्पणियों से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
अक्टूबर 2018 में थरूर ने दावा किया था कि अनाम आरएसएस नेता ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना "शिवलिंग पर बैठे बिच्छू" से की थी। उन्होंने इसे "असाधारण रूप से आकर्षक रूपक" बताया।
ट्रायल कोर्ट ने मामले में थरूर को जमानत दी थी।
शिकायतकर्ता ने कहा,
"मैं भगवान शिव का भक्त हूं। हालाँकि, आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं की पूरी तरह से अवहेलना की। (और) ऐसा बयान दिया, जिससे भारत और देश के बाहर सभी भगवान शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची।"
शिकायत में दावा किया गया,
"शिकायतकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और आरोपी ने जानबूझकर यह दुर्भावनापूर्ण कार्य किया, जिसका उद्देश्य भगवान शिव भक्तों की धार्मिक आस्था का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था।"
बब्बर ने थरूर के बयान को "असहनीय दुर्व्यवहार" और लाखों लोगों की आस्था का "पूर्ण अपमान" भी बताया।
यह शिकायत भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 499 और 500 के तहत दायर की गई।
केस टाइटल: शशि थरूर बनाम राज्य