दिल्ली हाईकोर्ट ने सेटलमेंट के बाद आपराधिक धमकी की FIR रद्द की, आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए 25 हजार देने को कहा

Amir Ahmad

26 Nov 2025 1:24 PM IST

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने सेटलमेंट के बाद आपराधिक धमकी की FIR रद्द की, आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए 25 हजार देने को कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी के आरोपों वाली FIR रद्द की, क्योंकि पीड़ित और आरोपी दोनों के बीच एक सेटलमेंट एग्रीमेंट हो गया था।

    जस्टिस अमित महाजन ने आरोपी को बेसहारा लड़कियों के फायदे के लिए आर्य कन्या सदन, पटौदी हाउस दरियागंज में 25,000 रुपये और पीड़ित को मुआवजे के तौर पर 25,000 रुपये जमा करने का निर्देश दिया।

    FIR भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) की धारा 324 और 506 के तहत अपराधों के लिए दर्ज की गई।

    यह मामला सागर बॉम्बे ड्राईक्लीनर नाम की दुकान के मालिक के बेटे ने दर्ज कराया था। आरोप था कि एक दिन जब वह करीब दो महीने पहले ड्राई क्लीनिंग के लिए दिया गया अपना कंबल लेने दुकान पर आया था तो आरोपी ने उसे गाली देना शुरू कर दिया।

    आगे आरोप लगाया गया कि जब पीड़ित अपने घर जा रहा था तो आरोपी ने चाकू से उसकी छाती के दाहिनी ओर वार कर दिया। बाद में दोनों के बीच एक सेटलमेंट हो गया।

    आरोपी ने अपने बर्ताव के लिए माफी मांगी और भविष्य में ऐसी कोई भी हरकत दोबारा न करने का वादा किया।

    पीड़ित ने कहा कि वह FIR से जुड़ी कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाना चाहता और अगर इसे रद्द कर दिया जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

    अर्जी मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा कि कार्यवाही जारी रखने से पार्टियों के बीच सिर्फ परेशानी और मनमुटाव ही बढ़ेगा।

    कोर्ट ने कहा,

    "विवाद की प्रकृति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पार्टियों ने आपसी सहमति से विवाद सुलझा लिया है कोर्ट को लगता है कि विवाद को जीवित रखने से कोई फायदा नहीं होगा और कार्यवाही जारी रखना कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।"

    कोर्ट ने आगे कहा,

    "मेरी राय में यह BNSS की धारा 528 के तहत विवेकाधीन अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करने का एक सही मामला है। हालांकि, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई है न्याय तभी होगा जब याचिकाकर्ता पर कुछ खर्च डाला जाए।"

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