मांफी मांगने पर कोर्ट में गाली-गलौज करने वाले आरोपी अवमानना मामले से हुए बरी, हाईकोर्ट ने कहा- अदालत की भाषा मर्यादित होनी चाहिए

Amir Ahmad

19 Aug 2025 1:41 PM IST

  • मांफी मांगने पर कोर्ट में गाली-गलौज करने वाले आरोपी अवमानना मामले से हुए बरी, हाईकोर्ट ने कहा- अदालत की भाषा मर्यादित होनी चाहिए

    दिल्ली हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना मामले में दो व्यक्तियों को बरी करते हुए कहा कि अदालत में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा चयन या लापरवाही का विषय नहीं बल्कि पूर्णतः मर्यादा से जुड़ा हुआ मुद्दा है।

    जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ ने टिप्पणी की,

    “ऐसे शब्द जो अदालत का अपमान करते हैं या उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, वे केवल संस्था की प्रतिष्ठा को ही नहीं, बल्कि न्याय प्रशासन की पूरी प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।”

    मामला उस समय उठा, जब मजिस्ट्रेट अदालत में सज़ा सुनाने के दौरान आरोपी ने खुलेआम गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। दूसरे ने भी ज़ोर से चिल्लाकर अदालत और शिकायतकर्ता दोनों को अपमानजनक बातें कहीं। यहां तक कि सुनवाई के दौरान एक आरोपी मोबाइल फोन का उपयोग करने लगा जिस पर उसे चेतावनी दी गई।

    मजिस्ट्रेट ने इस आचरण की रिपोर्ट प्रिंसिपल जिला एंड सेशन जज के माध्यम से हाईकोर्ट को भेजी थी, जिसके आधार पर अवमानना कार्यवाही शुरू हुई।

    हाईकोर्ट में पेश होकर दोनों आरोपियों ने नम्रता से माफ़ी मांगी, हाथ जोड़कर खेद प्रकट किया और आश्वासन दिया कि आगे कभी भी अदालत की गरिमा के विरुद्ध आचरण नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका किसी भी अदालत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था।

    कोर्ट ने उनकी निर्विवाद माफ़ी, पश्चाताप और वृद्धावस्था को ध्यान में रखते हुए उन्हें बरी कर दिया। साथ ही कड़ी चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी हरकत दोबारा होने पर सबसे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    टाइटल: स्वत संज्ञान बनाम देवेंद्र गुप्ता एवं अन्य

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