वकीलों के कल्याण कोष ट्रस्ट समिति को तुरंत पुनर्गठित करने के निर्देश: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा
Praveen Mishra
23 Oct 2025 6:14 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह वकीलों के कल्याण कोष (Advocates' Welfare Fund) ट्रस्ट की समिति को जल्द से जल्द पुनर्गठित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
जस्टिस सचिन दत्ता ने एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसे एक वकील की पत्नी ने दायर किया था। याचिका में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह वकील के लिए लीवर ट्रांसप्लांटेशन कराने हेतु वकीलों के कल्याण कोष से तात्कालिक आर्थिक सहायता (ex-gratia financial assistance) जारी करे।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके पति वकीलों के कल्याण कोष के सदस्य हैं और नियमित रूप से अपनी सदस्यता शुल्क जमा कर रहे हैं। उन्हें क्रॉनिक लीवर डिज़ीज - नॉन-अल्कोहलिक स्टेटोहिपेटाइटिस (NASH), डीकंपेन्सेटेड विथ एक्यूट किडनी इंजरी (AKI), पीलिया (Jaundice), और पेट में जलन (Ascites) के साथ मेलन-NA स्कोर 32 जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी है।
अदालत को बताया गया कि वकीलों के अधिनियम, 1961 की धारा 8A के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आदेश जारी होने के बाद दिल्ली बार काउंसिल को भंग कर दिया गया था और इसके कार्य संचालन की देखरेख के लिए एक विशेष समिति नियुक्त की गई थी।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि इसके अनुसार वकीलों के कल्याण कोष ट्रस्ट की संबंधित समिति को भी बदलना आवश्यक है।
संदर्भ के लिए, BCI ने दिल्ली बार काउंसिल को चुनाव समय पर पूरा न करने और सत्यापन में निरंतर विसंगतियों के कारण भंग कर दिया था। 10 अक्टूबर को जारी नोटिस में BCI ने कहा कि दिल्ली बार काउंसिल तत्काल प्रभाव से कार्य करना बंद करेगी और इसके चुनावों की देखरेख के लिए धारा 8A के तहत एक विशेष समिति बनाई गई है।
अदालत को दिल्ली बार काउंसिल द्वारा दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव (विधि) को लिखे गए पत्र की जानकारी दी गई, जिसमें ट्रस्ट समिति में दो नामों के नामांकन का सुझाव था। याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस पत्र के आधार पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने दिल्ली सरकार को प्रतिवादी बनाया और कहा —
“GNCTD को निर्देश दिया जाता है कि वह 14.10.2025 की संचारिका के अनुसार वकीलों के कल्याण कोष ट्रस्ट की संबंधित समिति को पुनर्गठित करने के लिए तुरंत कदम उठाए। इसके लिए आज से एक सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्रवाई की जाए।”
इस बीच, अदालत ने याचिकाकर्ता पत्नी को निर्देश दिया कि वह बार काउंसिल ऑफ दिल्ली की वेबसाइट पर उपलब्ध आवश्यक फॉर्म भरकर आर्थिक सहायता का दावा दाखिल करें।
अदालत ने कहा कि पुनर्गठित समिति अगली बैठक में याचिका पर विचार करेगी।
“यह बैठक यथासंभव शीघ्र और आज से तीन सप्ताह के भीतर आयोजित की जाए।”
मामले की अगली सुनवाई अब 16 दिसंबर को होगी।

