अगर मांसाहारी भोजन से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, तो शाकाहारी व्यक्ति मांसाहारी भोजन परोसने वाले रेस्टोरेंट से ऑर्डर क्यों करता है? : मुंबई उपभोक्ता आयोग

Praveen Mishra

20 Jun 2025 10:32 AM IST

  • अगर मांसाहारी भोजन से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, तो शाकाहारी व्यक्ति मांसाहारी भोजन परोसने वाले रेस्टोरेंट से ऑर्डर क्यों करता है? : मुंबई उपभोक्ता आयोग

    अगर कोई व्यक्ति "कट्टर" शाकाहारी है और मांसाहारी भोजन उसकी धार्मिक भावनाओं को "आहत" करता है, तो वह ऐसे रेस्टोरेंट से भोजन क्यों मंगवाता है जो शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन परोसता है? — मुंबई की उपभोक्ता अदालत ने यह सवाल उठाया। अदालत ने उन दो व्यक्तियों की शिकायत खारिज कर दी, जिन्होंने यह दावा किया था कि लोकप्रिय फूड चेन "Wow Momo" ने उन्हें चिकन मोमोज भेज दिए, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

    मुंबई उपनगरीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष प्रदीप काडु और सदस्य गौरी कापसे की पीठ ने यह टिप्पणी की। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने "वेज स्टीम दार्जिलिंग मोमो" और एक पेप्सी ऑर्डर की थी, लेकिन उन्हें चिकन मोमोज भेज दिए गए, जिससे उन्हें भावनात्मक पीड़ा, मानसिक आघात और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची।

    आवेदकों ने इस मामले में 6 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था।

    हालांकि, मुंबई उपनगरीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की पीठ (कोरम) ने यह पाया कि आवेदक यह साबित करने में असमर्थ रहे कि उन्होंने भोजन ऑर्डर करने के दौरान कोई पूजा-पाठ किया था और उसी दौरान उन्हें मांसाहारी भोजन प्राप्त हुआ। कोरम ने यह भी नोट किया कि आवेदकों ने किसी पंडित या पुजारी का नाम नहीं बताया, जिन्होंने वह पूजा कराई हो, और ना ही उन्होंने उस पूजा/धार्मिक अनुष्ठान की प्रकृति, नाम, तिथि या स्थान की जानकारी दी।

    आयोग ने आदेश में कहा, "यदि शिकायतकर्ता वास्तव में कट्टर शाकाहारी थे और मांसाहारी भोजन उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, तो फिर उन्होंने ऐसे रेस्टोरेंट से भोजन क्यों मंगवाया जो शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन परोसता है, बजाय ऐसे रेस्टोरेंट से मंगवाने के जो केवल और केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसता हो?"

    आयोग ने यह भी कहा कि आवेदक यह साबित नहीं कर सके कि उन्होंने सिर्फ वेज मोमोज का ऑर्डर दिया था और चिकन मोमोज नहीं मंगवाए थे। शिकायत में यह दावा किया गया था कि उन्होंने Wow Momo के एक प्रतिनिधि को दो बार यह स्पष्ट निर्देश दिया था कि केवल वेज मोमोज ही भेजे जाएं, लेकिन यह बात वे प्रमाणित नहीं कर सके, क्योंकि उनके ऑर्डर का बिल यह दर्शाता है कि उन्होंने चिकन मोमोज का ऑर्डर दिया था।

    आयोग ने यह भी कहा, "वेज और नॉनवेज मोमोज की कीमतें एक समान हैं। शिकायतकर्ताओं ने जो 2-3 तस्वीरें भोजन की दी हैं, उनसे यह स्पष्ट नहीं होता कि वे मोमोज वेज हैं या नॉनवेज। इसलिए यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि शिकायतकर्ता को दिए गए दिन वेज के स्थान पर नॉनवेज ऑर्डर डिलीवर किया गया था।"

    आयोग के छह पन्नों के आदेश, जिसे सदस्य गौरी कापसे ने लिखा, में कहा गया है, "यदि शिकायतकर्ताओं को वेज के स्थान पर नॉनवेज ऑर्डर मिला होता, तो उसमें केवल और केवल मांसाहारी टुकड़े होने चाहिए थे। एक सामान्य समझ वाला व्यक्ति भोजन करने से पहले वेज और नॉनवेज में अंतर कर सकता है — यह बात व्यवहारिक और तार्किक लगती है।"

    शिकायतकर्ताओं ने एक ऑफर बोर्ड की तस्वीर पेश की थी, जिसमें यह स्पष्ट नहीं था कि " एक प्लेट स्टीम र्जिलिंग मोमोज और पेप्सी" वेज है या नॉनवेज, लेकिन कोरम ने नोट किया कि बोर्ड के नीचे 'वेज/नॉनवेज' लिखा हुआ था, जो इस बात का संकेत देता है कि रेस्टोरेंट ने भोजन के प्रकार की जानकारी देने की कोशिश की थी।

    आयोग ने कहा, "इससे यह संकेत मिलता है कि शिकायतकर्ताओं को यह पता होना चाहिए था कि वहां वेज और नॉनवेज दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।"

    इन सभी टिप्पणियों के आधार पर, आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि Wow Momo की सेवा में कोई लापरवाही नहीं पाई गई और इसलिए शिकायत को खारिज कर दिया गया।


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