होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर कंपनी बाइक में निर्माण दोष के लिए ज़िम्मेदार करार: जिला आयोग, त्रिशूर
Praveen Mishra
5 Sept 2025 5:20 PM IST

त्रिशूर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने यह माना कि Honda Motorcycles & Scooters India Pvt. Ltd. एक “3 Unicon 150 Black” बाइक में निर्माण दोष के लिए ज़िम्मेदार है, जिसे शिकायतकर्ता ने खरीदा था।
पूरा मामला:
शिकायतकर्ता ने Sreevari Automotives Pvt. Ltd., वडक्कनचेरी शाखा (पहला डीलर) से 3 Unicon 150 Black बाइक ₹81,826 में खरीदी। यह वाहन Honda Motor Cycles & Scooters India Pvt. Ltd. (निर्माता) द्वारा निर्मित था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, खरीद के एक महीने के भीतर ही बाइक के इंजन से तेल का रिसाव (oil leakage) शुरू हो गया। यह दोष शिकायतकर्ता ने बताया और वाहन की मरम्मत Sreevari Automotives Pvt. Ltd., ईस्ट फोर्ट, त्रिशूर (दूसरा डीलर) द्वारा की गई। लेकिन समस्या फिर से आ गई।
दूसरे डीलर ने वाहन के पुर्ज़े बदले, फिर भी समस्या हल नहीं हुई।
शिकायतकर्ता का कहना था कि सभी विपक्षी पक्षकारों (पहला डीलर, दूसरा डीलर और निर्माता) ने उसे घटिया क्वालिटी का वाहन बेचा। जब कानूनी नोटिस देने के बाद भी समस्या हल नहीं हुई, तो शिकायत दायर की गई और मुआवज़े की मांग की गई।
पहले और दूसरे डीलर की दलीलें:
• उन्होंने वाहन की बिक्री स्वीकार की, लेकिन निर्माण दोष से इनकार किया।
• कहा गया कि इंजन का तेल रिसाव या तो इंजन के किसी कठोर वस्तु से टकराने या फिर किसी गैर-प्रशिक्षित वर्कशॉप द्वारा इंजन खोलने से हुआ होगा।
• यह भी कहा गया कि वाहन को समय-समय पर सही तरीके से रिपेयर किया गया।
• डीलरों ने इंजन के पुर्ज़े बदलकर वाहन को और दुरुस्त करने की पेशकश की, लेकिन पूरी बाइक बदलने से इनकार कर दिया।
निर्माता (Honda) आयोग के समक्ष एक्स-पार्टी चला (यानि उसने अपना पक्ष नहीं रखा)।
आयोग के अवलोकन:
• आयोग ने शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए सभी दस्तावेज़ देखे, जिनमें चालान, कानूनी नोटिस, वाहन मैनुअल और विशेषज्ञ आयुक्त की रिपोर्ट शामिल थी।
• आयोग ने नोट किया कि विपक्षी पक्षकारों ने वाहन की गहराई से जाँच के बाद उसके महत्वपूर्ण और महंगे पुर्ज़े मुफ्त में बदले।
• आयोग ने कहा कि महज़ छह महीने से भी कम समय में इतने महत्वपूर्ण और महंगे पुर्ज़े मुफ्त में बदलना अपने आप में निर्माण दोष का प्रमाण है।
• अगर यह दोष इंजन के टकराने से होता तो डीलर मुफ्त में इतने महंगे पुर्ज़े बदलने की जहमत नहीं उठाते।
इसलिए आयोग ने माना कि यह निर्माण दोष है और केवल निर्माता Honda Motorcycles & Scooters India Pvt. Ltd. को ज़िम्मेदार ठहराया।
कोर्ट का निर्णय:
निर्माता को आदेश दिया गया कि वह शिकायतकर्ता को ₹81,826 – वाहन की कीमत की वापसी (रिफंड), ₹25,000 – मानसिक पीड़ा और कठिनाई के लिए क्षतिपूर्ति, ₹10,000 – मुकदमे की लागत देने का आदेश दिया।
पहला और दूसरा डीलर सभी आरोपों और दायित्वों से मुक्त कर दिए गए।

