अर्बन क्लैप के द्वारा भेजे गए इंजीनियर के द्वारा सेवा में लापरवाही के लिए, जिला उपभोक्ता आयोग ने अर्बन क्लैप को जिम्मेदार ठहराया
Praveen Mishra
27 Dec 2023 3:42 PM IST
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, चंडीगढ़ के अध्यक्ष श्री पवनजीत सिंह और सुरजीत कौर (सदस्य) की खंडपीठ ने अर्बन क्लैप टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। तथा शिकायतकर्ता को 11,500 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
पूरा मामला:
शिकायतकर्ता श्री विक्रांत गोयल ने अपने डाइकिन 1.5 स्प्लिट एयर कंडीशनर के मरम्मत के लिए अर्बन क्लैप से संपर्क किया। कंपनी ने शिकायतकर्ता के घर एक सर्विस इंजीनियर को भेजा। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने गैस लीकेज की मरम्मत के लिए कंपनी को ₹ 3,548 / - का भुगतान किया।
लेकिन अगले ही दिन, एसी में अन्य समस्याएँ दिखने लगीं, उसी इंजीनियर ने फिर से इसकी जांच की और इसे मरम्मत के लिए ले गया। लेकिन बाद में एसी पूरी तरीके से काम करना बंद कर दिया। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने कंपनी से संपर्क किया लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। परेशान होकर, शिकायतकर्ता ने सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, चंडीगढ़ में उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराई।
अपना पक्ष रखते हुये कंपनी ने तर्क दिया कि यह घरेलू सेवाओं के लिए एक प्रबंधित बाजार के रूप में काम करता है, जो उपयोगकर्ताओं को स्वतंत्र तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ने वाले मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। कंपनी ने शिकायत की विचारणीयता को चुनौती देते हुए कहा कि एक सुविधाप्रदाता के रूप में, वह कथित सेवा मुद्दों के लिए सीधे जिम्मेदार नहीं है। कंपनी ने आंतरिक इकाई को नुकसान पहुंचाने से इनकार किया और कार्रवाई के कथित कारण से इनकार करते हुए शिकायतकर्ता के मामले के मेरिट्स को चुनौती दी।
आयोग की टिप्पणियां:
कंपनी के इस तर्क का उल्लेख करते हुए कि यह केवल एक सुविधाप्रदाता और मध्यस्थ है, जिला आयोग ने नोट किया कि विचाराधीन सेवा अभियंता वास्तव में कंपनी द्वारा प्रतिनियुक्त किया गया था, और कंपनी ने शिकायतकर्ता से सीधे ₹ 3,548 / - के सेवा शुल्क को स्वीकार किया। इसके अलावा, जिला आयोग ने कहा कि कंपनी द्वारा दूसरी बार भेजे गए सेवा अभियंता द्वारा लापरवाही से इकाई को ध्वस्त करने के बाद, शिकायतकर्ता को सुधारात्मक सेवाओं के लिए 9,608 रुपये की अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ी। इसलिए, जिला आयोग ने माना कि कंपनी सेवा अभियंता द्वारा की गई सेवा के लिए जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है।
इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुये, जिला आयोग ने कंपनी को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए उत्तरदायी ठहराया। नतीजतन, कंपनी को शिकायतकर्ता को उसके द्वारा भुगतान की तारीख से ब्याज @ 9% प्रति वर्ष के साथ ₹ 3,548 /- की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, जिला आयोग ने कंपनी को शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में ₹ 5,000 / - और मुकदमे की लागत के लिए ₹ 3,000 / - का भुगतान करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: विक्रांत गोयल बनाम अर्बन क्लैप टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य।
केस नंबर: सी सी/489/2020
प्रतिवादी के वकील: जसदीप सिंह