हाईकोर्ट ने बिलासपुर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों में करंट लगने के संभावित खतरे को उजागर करने वाली रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया
Amir Ahmad
25 Sep 2024 8:15 AM GMT
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालय भवन की जीर्ण-शीर्ण स्थिति और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों में करंट लगने के खतरे को उजागर करने वाली मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय, तुकरडीह (बिलासपुर) के बच्चे करंट लगने के खतरे के बीच पढ़ाई कर रहे हैं।
इसमें कहा गया कि विद्यालय भवन की जीर्ण-शीर्ण छत और विद्यालय भवन के ऊपर से गुजर रहे अवैध बिजली के तार तथा इसकी छत को छूते हुए विद्यालय में पढ़ने वाले 139 बच्चों के लिए भयावह स्थिति पैदा करते हैं।
समाचार में कहा गया,
"इमारत जर्जर हो चुकी है और स्कूल की इमारत से सटी हुई है। ट्रांसफार्मर वहीं लगाया गया, जहां से अधिकांश ग्रामीणों ने अवैध कनेक्शन ले रखे हैं। चूंकि अवैध कनेक्शन इमारत के ऊपर से गुजरते हैं और स्कूल की इमारत की छत को छूते हैं, इसलिए छत में करंट की आपूर्ति होती है।"
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि स्कूल की इमारत के ऊपर से गुजर रहे अवैध कनेक्शन को काटने के लिए बिजली विभाग को कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे 139 स्टूडेंट्स की जान खतरे में पड़ गई है।
स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की पीठ ने छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को इस संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में आवश्यक निर्देश लेने के लिए एडवोकेट जनरल को भी समय दिया गया।
केस टाइटल: स्वप्रेरणा से जनहित याचिका बनाम छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य