हाईकोर्ट ने रायपुर में पुलिस क्वार्टरों की जर्जर हालत पर प्रकाश डालने वाली खबर पर स्वतः संज्ञान लिया, राज्य से हलफनामा मांगा
Shahadat
9 Sept 2025 11:03 AM IST

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें रायपुर के आमानाका स्थित पुलिस क्वार्टरों की जर्जर हालत और नए आवासों के निर्माण के लिए स्वीकृत धनराशि राज्य सरकार द्वारा न दिए जाने का मुद्दा उठाया गया।
मीडिया में खुलासा हुआ है कि क्वार्टरों में 24 मकान लगभग 34 साल पुराने हैं। उनकी हालत ऐसी है कि छत तक जाने वाली सीढ़ियां टूटकर गिर गईं। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि पहली मंजिल तक जाने वाली सीढ़ियां खंभों के सहारे टिकी हुई हैं। लगभग 20 परिवार वहां "भगवान की दया" पर रह रहे हैं।
नगर निगम ने उस क्वार्टर को जर्जर घोषित कर दिया। उसके बाद से जर्जर मकानों को न तो छोड़ा गया, न ही तोड़ा गया और न ही खाली कराया गया। यही स्थिति कांस्टेबलों और हेड कांस्टेबलों के मकानों की भी है, जिनका निर्माण लगभग 6 साल से नहीं हुआ है।
फाइनल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जर्जर मकानों के सुधार के लिए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और नए मकानों के लिए 400 करोड़ रुपये की योजना तैयार करके भेजी गई। हालांकि, नए मकानों के निर्माण के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस पृष्ठभूमि में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा,
"उपरोक्त स्थिति को देखते हुए इस स्तर पर हम प्रबंध निदेशक, पुलिस आवास निगम, सिविल लाइन, रायपुर, छत्तीसगढ़ को उपरोक्त समाचार के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश देना उचित समझते हैं।"
अब मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
Case Title: IN THE MATTER OF SUO MOTO PUBLIC INTEREST LITIGATION versus STATE OF CHHATTISGARH

