युवा नेता विक्की मिड्दुखेरा की हत्या | एकमात्र चश्मदीद गवाह और उसके भाई ने पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया

Shahadat

31 May 2022 8:14 AM GMT

  • युवा नेता विक्की मिड्दुखेरा की हत्या | एकमात्र चश्मदीद गवाह और उसके भाई ने पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में मारे गए युवा अकाली दल (YAD) के नेता विक्की मिद्दुखेड़ा के भाई ने गैंग के सदस्यों से कथित खतरे के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की। विक्की के बड़े भाई अजयपाल सिंह मिड्दुखेड़ा है।

    गौरतलब है कि 33 वर्षीय अकाली नेता विक्की की पिछले साल सात अगस्त को सेक्टर 71 मार्केट, मोहाली की पार्किंग में कथित तौर पर पंजाब (बांबिहा समूह) के शार्पशूटरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना का एकमात्र चश्मदीद विक्की का बड़ा भाई अजय पाल सिंह है।

    यह याचिका इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अजय पाल सिंह मिड्दुखेड़ा ने आरोप लगाया कि पंजाब सिंगर सिद्धू मूसेवाला (29 मई को लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा कथित तौर पर मारा गया) और उनके मैनेजर शगुनदीप (कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया में) विक्की की हत्या में शामिल थे।

    कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने पंजाबी गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है, क्योंकि वे विक्रमजीत सिंह मिड्दुखेड़ा की मौत का बदला लेना चाहते थे। विक्की लॉरेंस बिश्नोई के कॉलेज फ्रेंड थे।

    मूसेवाला की हत्या के तुरंत बाद लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के सदस्य गोल्डी बरार (वर्तमान में कनाडा में) ने फेसबुक पोस्ट में इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए आरोप लगाया कि मूसेवाला विक्की की हत्या में शामिल था। मूसेवाला को स्वचालित असॉल्ट राइफल से कम से कम 30 बार गोली मारी गई, जब वह अपनी एसयूवी चला रहा था।

    उल्लेखनीय है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या से कुछ दिन पहले अजय पाल सिंह द्वारा वर्तमान याचिका दायर की गई थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बंबिहा समूह के गैंगस्टर (कथित रूप से विक्की की हत्या में शामिल और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के प्रतिद्वंद्वी गिरोह) को खत्म कर सकते हैं। वह विक्की की हत्या की घटना का एकमात्र चश्मदीद गवाह है।

    गौरतलब है कि विक्की की हत्या में मूसेवाला और उसका मैनेजर शगुनदीप सामने आए थे और इसलिए याचिका में कहा गया कि जैसे ही पंजाब पुलिस को शगुनदीप और मूसेवाला की संलिप्तता के बारे में पता चला उन्होंने शगुनदीप सिंह को गिरफ्तार करने के बजाय उसे ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरने दी।

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