"आप कोई "सुपर-गवर्नमेंट" नहीं हैं": दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में पानी की कमी के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

LiveLaw News Network

4 March 2021 9:47 AM GMT

  • आप कोई सुपर-गवर्नमेंट नहीं हैं: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में पानी की कमी के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

    दिल्ली हाईकोर्ट ने एक प्रोफेसर द्वारा दिल्ली में साफ पानी की कमी को लेकर दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। प्रोफेसर ने अपनी याचिका में दिल्ली में पानी की कमी को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्य को दिशानिर्देश जारी किए जाने की भी मांग की थी।

    इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में प्रत्याशित जल आपूर्ति की कमी से निपटने के लिए विशिष्ट कदम उठाने की मांग पर याचिकाकर्ता को बताया कि तीन सरकारोंं के विशेषज्ञ इस मामले को पहले ही देख रहे हैं और वह खुद "सुपर-गवर्नमेंट" नहीं है।

    गुड़गांव की एक यूनिवर्सिटी में विजिटिंग फैकल्टी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी का प्रोफेसर होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने हिमाचल प्रदेश राज्य को निर्देश दिए जाने की मांग की कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) के साथ 2019 में हुए समझौते के आधार पर पश्चिमी यमुना नहर के माध्यम से पानी छोड़ दे। इसके साथ ही उसने हरियाणा राज्य सरकार को भी दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग की, ताकि दिल्ली तक पहुंचने के लिए पानी की सुविधा के लिए कदम उठाए जा सकें।

    याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब के माध्यम से पानी की आपूर्ति की कमी की बात सामने आई है।

    मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने इस प्रकार की याचिका को "ब्लैकमेलिंग प्रकार की याचिका" कहते हुए कहा कि इस तरह याचिका को कोर्ट में लेकर आना निंदनीय है।

    इसके साथ ही हाईकोर्ट याचिकाकर्ता से कहा कि वह नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहा है?

    कोर्ट ने आगे टिप्पणी की,

    "आप कौन हैं? कानून की नजर में आप कौन हैं? आप इन राज्यों के लिए निर्देश चाहते हैं, लेकिन सभी 3 सरकारों में उच्च रैंकिंग अधिकारी पहले से ही इस मामले को देख रहे हैं, क्या आप उन सभी की तुलना में अधिक समझदार हैं?"

    इस सब को अविश्वसनीय करार देते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा,

    "क्या आप दिल्ली राज्य के संरक्षक हैं?"

    और उनसे अपनी आजीविका के स्रोत, बैंक खाते के विवरण और जल नीति / संरक्षण के क्षेत्र में उन्होंने किस तरह के काम किए हैं जैसे सवालों के जवाबों के द्वारा अपनी धारणा की स्थापना की।

    न्यायमूर्ति डीएन पटेल ने विस्तार से बताया,

    "हमें यह सब देखने की जरूरत है, क्योंकि कई बार ब्लैकमेलर भी अदालत में आ रहे हैं।"

    याचिकाकर्ता द्वारा अपनी याचिका को बिना शर्त वापस लेने का फैसला करने के बाद अदालत ने कहा,

    "तीनों राज्यों में जल विभाग और विशेषज्ञ हैं, जो आपसे बेहतर इसे संभालेंगे।"

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