दिल्ली कोर्ट में महिला जज से दोषी और वकील ने की अभद्रता, धमकी देते हुए कहा: "तू है क्या चीज़... बाहर मिल"
Amir Ahmad
21 April 2025 8:15 AM

दिल्ली कोर्ट में उस समय सनसनी फैल गई जब एक दोषी और उसके वकील ने खुले कोर्ट में महिला जज को धमकियां दीं और उनके साथ गाली-गलौज की। यह घटना चेक बाउंस मामले में दोष सिद्ध होने के बाद हुई।
न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवांगी मंगला ने आरोपी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही उसे धारा 437A CrPC के तहत अगली तारीख पर ज़मानती बॉन्ड भरने का निर्देश दिया था।
लेकिन फैसले के बाद आरोपी ने न केवल कोर्ट में हंगामा किया बल्कि कथित रूप से जज पर कोई चीज़ भी फेंकने की कोशिश की। इसके साथ ही उसने अपने वकील से कहा कि किसी भी तरह से उसके पक्ष में निर्णय करवाया जाए।
जज को दी गई धमकी
कोर्ट के आदेश (दिनांक 2 अप्रैल) के अनुसार आरोपी ने जज से कहा,
“तू है क्या चीज़.. तू बाहर मिल, देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती है।”
इतना ही नहीं आरोपी और उसके वकील ने जज को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उन पर इस्तीफा देने का दबाव डाला और उनसे दोषी को बरी करने की मांग की। जज ने आदेश में लिखा कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने की धमकी भी दी गई।
जज शिवांगी मंगला ने स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रीय महिला आयोग में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगी।
उन्होंने अपने आदेश में लिखा,
“फिर भी मैं न्याय के पक्ष में खड़ी हूं। आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करूंगी। आरोपी द्वारा दी गई धमकियों और उत्पीड़न को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली में शिकायत की जाएगी।”
इस पूरे घटनाक्रम में आरोपी के वकील अतुल कुमार की भूमिका पर भी सवाल उठे। कोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना (Criminal Contempt) की कार्रवाई शुरू की जाए।
उन्होंने कहा,
"अभियुक्त के वकील अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए कि उनके व्यवहार के लिए क्यों न उनके खिलाफ माननीय हाईकोर्ट को अवमानना की कार्यवाही के लिए संदर्भित किया जाए।"
अब वकील को अगली सुनवाई की तारीख पर इस संबंध में लिखित उत्तर देना होगा।
इस मामले ने न्यायपालिका में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट ने साफ संकेत दिया है कि कानून के सम्मान और न्याय की गरिमा के लिए ऐसे व्यवहार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।