राजद्रोह के अभियुक्त का केस न लड़ने का प्रस्ताव करने वाले वकील संघ को नोटिस जारी किया जायेगा : राज्य बार काउंसिल ने कर्नाटक हाईकोर्ट से कहा
LiveLaw News Network
17 March 2021 10:45 AM IST
कर्नाटक राज्य बार काउंसिल (केएसबीसी) ने मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह राजद्रोह की एक आरोपी छात्रा का केस लड़ने से अपने सदस्यों को प्रतिबंधित करने के संबंध में प्रस्ताव जारी करने वाले अधिवक्ता निकाय को नोटिस जारी करेगी।
मुख्य न्यायाधीश अभय ओका एवं न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने एडवोकेट रमेश नाइक के. द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी की, "वकीलों की ओर से इस तरह का प्रस्ताव जारी करना क्या गैर पेशवराना नहीं है? क्या आपको (केएसबीसी को) ऐसे वकीलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? प्रस्ताव को देखिए, बार के कुछ सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किये हैं। बार काउंसिल को सकारात्मक होना चाहिए। ये वकीलों की सोसाइटीज हैं।"
मैसूर सिटी एडवोकेट्स मल्टीपरपस कोऑपरेटिव सोसाइटी (सोसाइटी) ने 16 जनवरी 2020 को एक प्रस्ताव पारित करके अपने सदस्यों को नलिनी बालाकुमार का केस लड़ने से मना कर दिया था। मैसूर विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' लिखा हुआ प्लेकार्ड दिखाने के लिए नलिनी बालाकुमार के खिलाफ राजद्रोह का अभियोग लगाया गया है।
याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि इस मामले में कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल की चुप्पी बहुत ही नुकसानदायक साबित हुई है। यदि वह समय से अपना प्रतिक्रिया दी हुई होती तो चीजें खराब नहीं होतीं। उसने कहा कि बार के राजनीतिकरण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की गयी है।