लीक की जिम्मेदारी कौन लेगा?: मीडिया लीक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में दिशा रवि के वकील ने कहा

LiveLaw News Network

5 Aug 2021 10:30 AM GMT

  • लीक की जिम्मेदारी कौन लेगा?: मीडिया लीक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में दिशा रवि के वकील ने कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई जारी रखी। दिशा ने याचिका में किसान विरोध प्रदर्शनों से संबंधित 'टूलकिट' मामले में दिल्ली पुलिस को किसी भी जांच सामग्री को मीडिया में लीक करने से रोकने की मांग की है।

    उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने इस साल फरवरी में एक हलफनामा दाखिल कर आरोपों से इनकार किया था।

    दिल्ली पुलिस का दावा है कि "प्रेस ब्रीफिंग या प्रसारण के माध्यम से आधिकारिक रूप से संप्रेषित जानकारी, जो रिकॉर्ड पर मौजूद है, को छोड़कर सब्जैक्ट चैट सहित केस फाइल की कोई भी जानकारी/दस्तावेज प्रतिवादी नंबर एक द्वारा किसी भी मीडिया हाउस या व्यक्ति के साथ साझा नहीं किया गया है...।"

    इसी आलोक में, सीनियर एडवोकेट अखिल सिब्बल ने पूछा कि रवि की ओर से लीक नहीं किया गया, क्योंकि उस समय वह हिरासत में थी तो लीक की जिम्मेदारी कौन लेगा?

    उन्होंने कहा, " जब यह लीक हुई थी, मेरी मुवक्किल हिरासत में थी। उनका फोन पुलिस के पास था। पुलिस का दावा है कि लीक उन्होंने नहीं किया, फिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? इस सामग्री को हटाना होगा।"

    रवि के अनुसार, उसकी व्हाट्सएप चैट, जो निजी थी और पुलिस हिरासत में उसने जो बयान दिए थे या खुलासे किए थे, उसे सार्वजनिक स्तर पर लीक किया गया, जो निजता और फ्री ट्रायल के अधिकार का पूर्ण उल्लंघन है।

    इस पृष्ठभूमि में, सिब्बल ने तर्क दिया,"मैं समझता हूं कि निजता में कानूनी घुसपैठ हो सकती है। लेकिन आरोप पत्र भी दायर नहीं हुआ था कि मेरे मुवक्किल का पूरा विवरण मीडिया में था।"

    जस्टिस रेखा पल्ली ने यह दर्ज करने के बाद कि मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं और याचिकाकर्ता कोई और प्रत्युत्तर दाखिल नहीं करना चाहता है, मामले को 27 अगस्त को बहस के लिए स्थगित कर दिया है।

    प्रतिवादियों की ओर से पेश एडवोकेट रजत नायर ने कहा कि लीक उनकी ओर से नहीं किया गया है।

    इससे पहले, कोर्ट ने मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए यूनियन ऑफ इंडिया और दिल्ली पुलिस को "एक आखिरी मौका" दिया था।

    फरवरी में, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि मामले में जांच के संबंध में जानकारी लीक न हो।

    रवि ने आरोप लगाया था कि टूलकिट मामले में समाचार चैनलों टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे और सीएनएन न्यूज 18 में उनके बारे में "एकतरफा मानहानिकारक, विचारोत्तेजक और अर्धसत्य" रिपोर्टिंग की गई है। कोर्ट ने तब कहा था कि चैनल के संपादकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जांच में बाधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सूचना का प्रसार करते समय उचित संपादकीय नियंत्रण का प्रयोग किया जाए।

    जस्टिस पल्ली ने यह भी कहा था कि वह याचिका "सार्वजनिक महत्व" के मुद्दों को उठाती है।

    "वर्तमान मामले के तीन पहलू हैं। पहला, संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता, गरिमा और निष्पक्ष सुनवाई का उसका अधिकार। दूसरा पहलू देश की संप्रभुता/अखंडता का और क्या उचित प्रतिबंध हो सकते हैं, जिन्हें वर्तमान में हो रही जांच की प्रकृति को देखते हुए लगाया जा सके। तीसरा पहलू अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और जनता के जानने का अधिकार होगा ।'

    केस टाइटिल: दिशा ए रवि बनाम राज्य (एनसीटी ऑफ दिल्ली) और अन्य।

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