जब बर्थ सर्टिफिकेट बनाया जाता है तो पासपोर्ट एंट्री उसके अनुरूप होनी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

Shahadat

21 Aug 2023 4:57 AM GMT

  • जब बर्थ सर्टिफिकेट बनाया जाता है तो पासपोर्ट एंट्री उसके अनुरूप होनी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट

    मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि पासपोर्ट महत्वपूर्ण दस्तावेज है, लेकिन त्रुटियां हो सकती हैं और जब बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) तैयार किया गया है तो पासपोर्ट एंट्री बर्थ सर्टिफिकेट के अनुरूप होनी चाहिए।

    जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने इस प्रकार कहा:

    “यह सच है कि पासपोर्ट महत्वपूर्ण दस्तावेज है और आवेदक को आवेदन के समय सही विवरण देना होगा। लेकिन कभी-कभी त्रुटियां हो जाती हैं। याचिकाकर्ता ने सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अपना बर्थ सर्टिफिकेट संलग्न किया और उससे पता चलता है कि याचिकाकर्ता का जन्म 18.09.1960 को हुआ। जब बर्थ सर्टिफिकेट तैयार कर लिया जाए तो पासपोर्ट एंट्री बर्थ सर्टिफिकेट के अनुरूप होनी चाहिए।

    अदालत अब्दुल रहमान द्वारा अपने पासपोर्ट में जन्मतिथि को सही करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। रहमान ने अदालत को सूचित किया कि हालांकि उनकी वास्तविक जन्मतिथि 18 सितंबर, 1960 है, लेकिन उनके पासपोर्ट में इसका उल्लेख 12 फरवरी, 1960 किया गया, जो 30 नवंबर 2023 तक वैध है। उन्होंने आगे बताया कि हालांकि उन्होंने संबंधित को अभ्यावेदन दिया। पासपोर्ट प्राधिकारी ने इस पर विचार नहीं किया, जिसके कारण उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

    इसका विरोध करते हुए पासपोर्ट अथॉरिटी के सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि रहमान को आवेदन दाखिल करते समय विवरण प्रस्तुत करते समय सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट सर्वोच्च सम्मान का महत्वपूर्ण दस्तावेज है और यदि दस्तावेज़ में दिए गए विवरण अविश्वसनीय हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

    मदुरै पीठ के फैसले पर भरोसा करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि पासपोर्ट में एंट्री को लापरवाही से ठीक नहीं किया जा सकता है और याचिका को खारिज करने की मांग की।

    अदालत ने 2016 के फैसले पर भरोसा किया, जिसके तहत हाईकोर्ट ने इसी तरह के मामले में सकारात्मक रुख अपनाया था। इस तरह यह माना गया कि रहमान पासपोर्ट के नवीनीकरण के समय भी नया आवेदन जमा कर सकता है। अदालत ने रहमान को बर्थ सर्टिफिकेट की प्रमाणित प्रति अधिकारियों के समक्ष रखने का भी निर्देश दिया और अधिकारियों को बर्थ सर्टिफिकेट के अनुसार उचित सुधार करने का भी निर्देश दिया।

    केस टाइटल: अब्दुल रहमान बनाम पासपोर्ट अधिकारी

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