व्हाट्सएप ने नए आईटी नियमों के तहत दिए ट्रेसेबिलिटी क्लॉज के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटाखटाया, निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया
LiveLaw News Network
26 May 2021 12:47 PM IST
नए आईटी नियमों के खिलाफ फेसबुक के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ने "ट्रेसेबिलिटी" क्लॉज को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटाखटाया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उक्त क्लॉज केएस पुट्टुस्वामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में निहित एक व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
इसे देखते हुए, याचिका में उक्त आवश्यकता को असंवैधानिक घोषित करने और इसे लागू होने से रोकने की प्रार्थना गई है।
व्हाट्सएप के अनुसार, ट्रेसबिलिटी क्लॅज निजी कंपनियों को हर दिन भेजे जाने वाले अरबों संदेशों में किसने-क्या-कहा और किसने-क्या-शेयर किया जैसी जानकारियों इकट्ठा करने के लिए मजबूर करता। इस क्लॉज के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपने के लिए प्लेटफॉर्म को आवश्यकता से अधिक डेटा एकत्र करना पड़ेगा।
व्हाट्सएप ने "हेल्प सेंटर" कॉलम में जोड़ी एक नई पोस्ट में कहा है,
"ट्रेसेबिलिटी निजी कंपनियों को उन लोगों के नाम की जानकारी रखने के लिए मजबूर करती है, जिन्होंने कुछ साझा किया है, भले ही उन्होंने इसे बनाया नहीं है, किसी चिंता के कारण साझा किया है, या पोस्ट की सटीकता की जांच करने के लिए साझा किया है। ऐसे रवैये से, निर्दोष लोग जांच में पकड़े जा सकते हैं या यहां तक कि जेल भी जा सकते हैं, ऐसी सामग्री साझा करने के लिए जो बाद में सरकार की नजर में समस्याग्रस्त हो जाती है, भले ही उन्हें पहली बार में इसे साझा करने से कोई नुकसान न हो।"
पोस्ट में आगे कहा गया है, "यह धमकी कि किसी की लिखी किसी भी चीज का पता लगाया जा सकता है, निजता को छीन लेता है और लोगों की निजी रूप से क्या कहते हैं उस पर गंभीर प्रभाव डालता है, अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।"
केंद्र सरकार ने नए सोशल मीडिया नियमों का पालन करने के लिए फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को तीन महीने की अवधि प्रदान की थी, वह कल यानी 25 मई को समाप्त हो गई।
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम, 2021 को केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया था, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ आचार संहिता लागू करके और त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण ढांचे को अनिवार्य करके सोशल मीडिया मध्यस्थों को विनियमित किया गया था। .