अर्नब गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ के बीच हुई व्हाट्सएप चैट फ्रेंडली बैंटर हैं, उसका टीआरपी घोटाले से कोई लेना-देना नहींः रिपब्लिक टीवी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा

LiveLaw News Network

22 March 2021 7:45 PM IST

  • अर्नब गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ के बीच हुई व्हाट्सएप चैट फ्रेंडली बैंटर हैं, उसका टीआरपी घोटाले से कोई लेना-देना नहींः रिपब्लिक टीवी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा

    रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष कहा कि उनके व प्रसारण और अनुसंधान परिषद (बीएआरसी) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई व्हाट्सएप चैट सिर्फ दो करीबी दोस्तों के बीच दोस्ताना हंसी-मजाक (फ्रेंडली बैंटरी)थी। इन चैट को टीआरपी घोटाले में मुंबई पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शामिल किया है।

    जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ, गोस्वामी और एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई कर रही हैै। एआरजी कंपनी रिपब्लिक टीवी की मालिक है। इस याचिका में टीआरपी घोटाले में दर्ज एफआईआर और पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट को रद्द करने की मांग की गई है,जिस पर पिछले चार दिन से लगातार सुनवाई चल रही है।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अशोक मुंदरगी ने कहा कि चैट का टीआरपी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। ''लोगों को रिश्वत देने के बारे में एक संदेश या चैट नहीं है (टीआरपी में हेरफेर के लिए)। यह केवल यह दर्शा रही हैं कि वे दो बहुत करीबी दोस्त हैं जो उन विषयों पर चैट कर रहे है,जिन पर आमतौर पर दोस्त चैट करते हैं। कभी-कभी वे किसी को गाली दे रहे हैं, एक दूसरे को ड्रिंक के लिए आमंत्रित कर रहे हैं ... ''

    उन्होंने कहा कि गोस्वामी और दासगुप्ता ने टाइम्स न्यूज नेटवर्क में एक साथ काम किया है।

    मुंदरगी ने तर्क दिया कि पिछले महीने दासगुप्ता को जमानत देने वाली एकल पीठ के समक्ष चैट का एक भ्रामक चार्ट पेश किया गया था। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि मूल चैट का उल्लेख किया जाना चाहिए,जबकि अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि चैट 'अप्रसंगिक' है।

    उन्होंने कहा कि,''एक स्तर पर चार्ट 'पैसे के वितरण के बारे' में बताता है।' वास्तविक चैट चैनल शुरू होने से पहले रिपब्लिक टीवी के लिए एक वितरण नेटवर्क बनाने के संबंध में थी। यह चैट मार्च की है, जबकि रिपब्लिक टीवी मई 2017 में शुरू किया गया था।''

    अदालत ने तब यह जानने की कोशिश की कि कैसे आरोप पत्र में चैट को शामिल किया गया है।

    जस्टिस शिंदे - किसी चैट को कैसे पुनःप्राप्त किया जा सकता है?

    मुख्य लोक अभियोजक दीपक ठाकरे ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी ने चैट को पुनःप्राप्त किया है।

    जस्टिस पितले - अगर डिलीट की गई चैट को पुनःप्राप्त किया जा सकता है तो प्राइवेसी कहां है? एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का क्या अर्थ है?

    तब ठाकरे ने कहा कि एफएसएल इन सवालों का जवाब बेहतर दे पाएगा।

    सुनवाई के दौरान, पीठ ने बार-बार मुंदरगी से यह जानने की कोशिश की थी कि क्या याचिका में की गई प्रार्थनाओं को तब भी अनुमति दी जा सकती है, जब याचिकाकर्ता टीआरपी घोटाले में आरोपी ही नहीं है?

    न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ''इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या याचिकाकर्ता केवल संदिग्ध होने के बावजूद भी प्रार्थना कर सकते हैं।''

    पीठ ने कहा कि मुंदरगी इस बात पर स्पष्ट नहीं थे कि वह केवल कंपनी के लिए बहस कर रहे थे या कर्मचारियों के लिए भी।

    न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ''अगर किसी एक कर्मचारी के खिलाफ कुछ सामग्री पाई जाती है, तो क्या उस पर भी इस याचिका के तहत विचार किया जा सकता है, जबकि कंपनी याचिकाकर्ता है? कानून में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है,जहां हम जांच को प्रतिबंधित कर सकते हैं।''

    मुंदरगी ने जवाब दिया, ''यह जांच उस दिन समाप्त हो जाएगी जब वे याचिकाकर्ता नंबर 2 (अर्नब गोस्वामी) को गिरफ्तार करेंगे।'' न्यायालय ने, हालांकि, नोट किया कि यह जांच अधिकारी का डोमेन है।

    अदालत ने तब ठाकरे से बुधवार को बयान देने और जांच पूरी करने के लिए आवश्यक समय पर एक अनुमान देने का आग्रह किया।

    न्यायमूर्ति शिंदे ने मामले को बुधवार तक के लिए स्थगित करने से पहले कहा कि,

    ''हम समझ सकते हैं, अगर अभियुक्त फरार हों या जब अन्य राज्यों से सामग्री मंगवानी पड़ती है। लेकिन आपके लिए, सब कुछ यहीं है। कानून यह नहीं बताता है कि आपको जांच कब समाप्त करनी चाहिए, हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसे एक महीने में ही समाप्त कर दें, लेकिन हमें एक अनुमानित समय बताएं।''

    गुरुवार को, पीठ ने कहा था कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा तीन महीने जांच करने के बाद भी प्रथम दृष्टया गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ रिकॉर्ड पर कुछ भी पर्याप्त नहीं है।

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