सभी जेलों में कैदियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा उपलब्ध: पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में बताया
Shahadat
19 Aug 2025 10:31 AM IST

पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में सूचित किया कि सभी जेलों में कैदियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा उपलब्ध है। जेल कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है, जबकि अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मनचंदा की खंडपीठ जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के खिलाफ स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी। इसी मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने अगस्त, 2024 में खुलासा किया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का "अपराध और अपराधियों का महिमामंडन" करने वाला पहला इंटरव्यू पंजाब के खरड़ स्थित CIA परिसर में हुआ और दूसरा इंटरव्यू जयपुर की एक जेल में हुआ था।
पिछली सुनवाई में न्यायालय ने पंजाब के सभी निचली अदालतों को निर्देश दिया कि वे विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले कैदियों के मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा का यथासंभव उपयोग करें, क्योंकि इससे न केवल सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को राहत मिलती है, बल्कि सार्वजनिक व्यय में भी काफी बचत होती है।
एमिक्स क्यूरी तनु बेदी ने तब बताया कि SIT प्रमुख को उचित बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं कराया गया, जो कार्यालय में उचित और पर्याप्त वाई-फाई सुविधा के अभाव में अदालत में वीडियो कार्यवाही में व्यवधान से स्पष्ट है।
पंजाब के मुख्य सचिव, के.ए.पी. सिन्हा ने आज प्रस्तुत किया कि राज्य की जेलों की सुरक्षा बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई। उन्होंने बताया कि सभी जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है। जेल कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है, जबकि अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
SIT प्रमुख प्रबोध कुमार, आईपीएस (रिटायर) ने भी सीलबंद लिफाफे में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की।
मामले की अगली 28 अगस्त को होगी।
Title: Court on its own motion v. State Of Punjab & Ors.

