ज्ञानवापी विवाद से संबंधित 7 लंबित मुकदमों को समेकित करने और एक साथ सुनवाई करने पर फैसला वाराणसी जिला जज करेंगे

Avanish Pathak

17 April 2023 2:20 PM GMT

  • ज्ञानवापी विवाद से संबंधित 7 लंबित मुकदमों को समेकित करने और एक साथ सुनवाई करने पर फैसला वाराणसी जिला जज करेंगे

    वाराणसी जिला जज ने कहा है कि वह इस बात का निर्णय करने के लिए तैयार हैं कि वाराणसी में विभिन्न न्यायालयों के समक्ष लंबित ज्ञानवापी से संबंधित सात वादों को समेकित किया जाए और जिला जज की अदालत में एक साथ सुनवाई की जाए।

    जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने जिला जज के न्यायालय में समान मुद्दों को उठाने वाले लंबित मुकदमों के समेकन की मांग करते हुए उनके समक्ष दायर 7 स्थानांतरण आवेदनों से निपटते हुए यह आदेश पारित किया।

    धारा 4ए सीपीसी [1976 के उत्तर प्रदेश अधिनियम 57 द्वारा सम्मिलित] का उल्लेख करते हुए, जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने कहा कि न्यायालय मुकदमों के समेकन के संबंध में निर्णय तभी ले सकता है जब ऐसे सभी मुकदमों को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित कर दिया जाए और उसके बाद ही यह बिंदु निर्धारित किया जाएगा कि क्या उपरोक्त सभी मुकदमों को समेकित करना उचित होगा।

    संदर्भ के लिए, धारा 4ए सीपीसी [1976 के उत्तर प्रदेश अधिनियम 57 द्वारा सम्मिलित] में कहा गया है कि जब दो या दो से अधिक मुकदमे या कार्यवाही एक ही अदालत में लंबित हैं, और अदालत की राय है कि यह न्याय के हित में समीचीन है, तो यह आदेश द्वारा उनके संयुक्त ट्रायल का निर्देश दे सकता है, जिसमें ऐसे सभी मुकदमों और कार्यवाहियों का निर्णय ऐसे सभी या किन्हीं मुकदमों या कार्यवाहियों में साक्ष्य के आधार पर किया जा सकता है।

    इसके साथ, न्यायालय ने वाराणसी न्यायपालिका में विभिन्न अदालतों के समक्ष लंबित ज्ञानवापी से संबंधित सात वादों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया।

    महत्वपूर्ण बात यह है कि जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के 11 नवंबर, 2022 के उस आदेश को भी ध्यान में रखा, जिसमें उसने कहा था कि यदि इसी तरह के मुकदमों के संबंध में वाराणसी के जिला जज के समक्ष आवेदन किया जाता है, तो जिला जज के लिए यह निर्धारित करने के लिए खुला होगा कि क्या उन मुकदमों का समेकन न्यायसंगत है।

    जिन मामलों को ट्रांसफर करना था, उनमें से एक वाद संख्या 18/2022 है, जिनमें वादी 2 से 5 (लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, और रेखा पाठक) ने ज्ञानवापी विवाद से संबंधित मामलों को जिला न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका दायर की थी।

    उनका मामला था कि चूंकि ये सभी वाद समान प्रकृति के हैं, इसलिए जनता का समय और धन बचाने और कानूनी प्रकृति की कठिनाइयों से बचने के लिए उनमें एक साथ ट्रायल किया जाना चाहिए।

    उल्लेखनीय है कि सूट संख्या 18/2022 को पिछले साल 5 हिंदू महिला उपासकों द्वारा दायर किया गया था, जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में पूजा करने की मांग कर रही थी।

    सात मामलों में से छह सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में लंबित हैं और एक सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की फास्ट-ट्रैक अदालत में लंबित है।

    उल्‍लेखनीय है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष लंबित मामला भगवान विश्वेश्वर विराजमान (स्वयंभू) ने अपने अगले मित्र किरण सिंह के माध्यम से दायर किया था, जो कि विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) की अंतर्राष्ट्रीय महासचिव हैं। मामले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कब्जा 'भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान' को सौंपने की मांग की गई है।

    किरण सिंह वाद संख्या 18/2022 में पहली याचिकाकर्ता हैं, हालांकि, उक्त मुकदमा दायर करने के बाद, उन्होंने मई 2022 में मतभेदों के बाद अन्य चार महिला वादियों (एडवोकेट हरि शंकर जैन द्वारा समर्थित) से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद, उन्होंने एक नया मुकदमा दायर किया, जो वर्तमान में फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष लंबित है।

    गौरतलब है कि उक्त मुकदमे को पिछले साल नवंबर में एफटीसी ने सुनवाई योग्य माना था।

    संबंधित खबर में, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि रमजान माह के मद्देनजर वुजू और वॉशरूम की व्यवस्था करने के के ‌लिए ज्ञानवापी मस्जिद समिति के अनुरोध पर विचार करने के लिए जिला कलेक्टर वाराणसी द्वारा कल एक बैठक बुलाई जाए।

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