उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी मर्डर केस की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज की

Brij Nandan

21 Dec 2022 9:27 AM GMT

  • अंकिता भंडारी मर्डर केस

    अंकिता भंडारी मर्डर केस

    उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

    जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस की एक एसआईटी द्वारा की जा रही मामले की जांच पर संतोष व्यक्त किया।

    19 वर्षीय अंकिता भंडारी की कथित तौर पर सितंबर 2022 में एक पूर्व भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। पुलकित पूर्व भाजपा नेता का बेटा हैं। अंकाती भंडारी की हत्या इसलिए की गई थी, क्योंकि उसने किसी वीआईपी अतिथि को "अतिरिक्त सेवाएं" देने से इनकार कर दिया।

    इसके बाद, जागो उत्तराखंड साप्ताहिक समाचार पत्र के मुख्य संपादक आशुतोष नेगी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया कि भाजपा विधायक रेणु बिष्ट ने रिजॉर्ट (जहां अंकिता भंडारी काम करती थी) को गिराने का आदेश दिया ताकि मामले से जुड़े सबूतों को नष्ट किया जा सके।

    18-19 सितंबर से लापता थी, जिसके बाद उसकी तलाश शुरू हुई। इसके बाद तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार किया गया और जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने कथित तौर पर हत्या की बात कबूल कर ली। 24 सितंबर को उसका शव उत्तराखंड के ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया।

    घटना के तुरंत बाद, यमकेश्वर से भाजपा विधायक रेणु बिष्ट की उपस्थिति में रिसॉर्ट को तोड़ने की कार्रवाई की गई थी।

    आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य को हत्या का मामला सामने आने के तुरंत बाद ही बीजेपी से निकाल दिया गया था। 3 दिन पहले एसआईटी ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी जिसमें पुलकित आर्य और दो अन्य को मुख्य आरोपी बनाया गया था।

    केस टाइटल - आशुतोष नेगी बनाम उत्तराखंड राज्य और अन्य [डब्ल्यूपीसीआरएल नंबर 1974 ऑफ 2022]


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