धर्मांतरण पर उत्तर प्रदेश सरकार का अध्यादेश, प्रमुख प्रावधान और सजाएं

LiveLaw News Network

29 Nov 2020 2:18 PM GMT

  • Accused Apologized For His Phone Being Misused, Showed Respect & Esteem To UP CM Yogi Adityanath

    विवाह के लिए धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को धर्म परिवर्तन अध्यादेश लागू किया। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 ( Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance, 2020) के मसौदे को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दी थी। शनिवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अध्यादेश पर मुहर लगा दी।

    अध्यादेश के तहत गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध बना दिया गया है। प्रस्तावना के अनुसार, अध्यादेश का उद्देश्य, गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबर्दस्ती, प्रलोभन या कपटपूर्ण साधनों द्वारा या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में गैर कानूनी धर्म परिवर्तन पर रोक लगाना है।

    हालांकि, अध्यादेश को विवाह जैसे मसलों के संदर्भ में व्यक्तिगत स्वतंत्रता में अतिक्रममण माना जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा था कि अपनी पसंद के आदमी के साथ रहना, उनके धर्म की परवाह किए बगैर, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन की स्वंतत्रता में निहित है।

    ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार आदेश परोक्ष रूप से जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आद‌ित्यनाथ ने हफ्ते भर पहले कथ‌ित 'लव जिहाद' पर रोक लगाने के लिए कानून लाने का दावा किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अध्यादेश के रास्ते उक्त कानून को लागू किया है।

    आध्यादेश के प्रमुख शब्दों की व्याख्या नीचे की जा रही है-

    अध्यादेश के अनुसार प्रलोभन का क्या है?

    अध्यादेश के तहत, प्रलोभन के आधार पर गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध है। प्रलोभन से तात्पर्य, (1) नगद या वस्तु के रूप में उपहार, परितोषण, सुलभ धन या भौतिक लाभ से है (2) रोजगार, किसी धार्मिक निकाय द्वारा संचालित प्रतिष्ठित विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा, या (3) बेहतर जीवन शैली, दैवीय अप्रसाद से है।

    किस गतिविध‌ि को कहा जाएगा प्रपीड़न या जबर्दस्ती?

    अध्यादेश के तहत, प्रपीड़न यानी जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन को प्रतिबंध‌ित किया गया है। प्रपीड़न से तात्पर्य मनोवैज्ञानिक दबाव या भौतिक बल प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध कार्य करने के लिए बाध्य करने से है, जिसमें शारीरिक क्षति या धमकी शामिल है।

    धर्मांतरण या धर्म परिवर्तन से क्या आशय है?

    धर्मांतरण, धर्म परिवर्तन या धर्म संपरिवर्तन से तात्पर्य किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म को छोड़कर अन्य धर्म को ग्रहण करने से है।

    अध्यादेश के अनुसार बल क्या है?

    बल से तात्पर्य धर्म परिवर्त‌ित कर चुके या धर्म परिवर्त‌ित करने के ल‌िए इच्छ‌ित व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति या सम्पत्ति के लिए बल प्रदर्शित करना या किसी प्रकार की क्षति की धमकी देना शामिल है।

    किस साधनों का कपटपूर्ण साधन कहा गया है?

    कपटपूर्ण साधनों के तहत किसी प्रकार का प्रतिरूपण, मिथ्या नाम, उपनाम, धार्मिक प्रतीक या अन्यथा द्वारा प्रतिरूपण किया जाना शामिल है।

    धर्म और धर्म परिवर्तक का क्या अर्थ है?

    अध्यादेश के अनुसार, धर्म से तात्पर्य भारत में प्रचलित पूजा पद्धति, आस्था, विश्वास, पूजा या जीवन शैली की किसी संगठित प्रणाली से है, जबकि धर्म परिवर्तक से तात्पर्य किसी ऐसे धार्मिक व्यक्ति से है, जो एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन का कार्य कराता है, जिसे पादरी, कर्मकाण्डी, मौलवी या मुल्ला, पुजारी आदी नामों से पुकारा जा सकता है।

    पुराने धर्म में लौटना धर्म परिवर्तन नहीं

    अध्यादेश के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने पुराने धर्म में पुनः परिवर्तन करता है/करती है, तो उसे इस धर्म परिवर्तन नहीं समझा जाएगा। (धारा 3)

    केवल ये दर्ज करा सकते हैं एफआईआर

    अध्यादेश के अनुसार, धर्म परिवर्तन के संबंध में पीड़ित, उसके माता-पिता, भाई, बहन या ऐसा कोई व्यक्ति, जो उससे रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण से संबंध‌ित हो एफआईआर दर्ज करा सकता है/सकती है।

    ये हैं सजाएं

    अध्यादेश की धारा तीन में उल्ल‌िख‌ित प्रावधानों का उल्लंघन करने पर धारा पांच के तहत दंड निर्धारित है। धारा तीन के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर एक वर्ष तक के कारावास, जो पांच वर्ष तक बढ़ सकती है, 15 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।

    अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई किसी अवयस्क, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति के व्यक्ति के संबंध में धारा 3 के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा/करेगी, तो वह ऐसी अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा/की जाएगी, जो दो वर्ष से कम नही होगी, और जो दस वर्ष तक बढ़ सकेगी और वह ऐसे जुर्माने का दायी होगा/होगी ,जो पच्चीस हजार रुपए से कम नहीं होगा।

    सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में धारा 3 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर तीन वर्ष तक कारावास, जो दस वर्ष तक बढ़ सकती है, और पचास हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।

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