यूपी बार काउंसिल बनाम बीसीआईः एडवोकेट एक्ट के तहत बीसीआई को राज्य बार काउंसिल को निर्देश देने का अधिकार - बीसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा

LiveLaw News Network

5 March 2021 10:32 AM GMT

  • यूपी बार काउंसिल बनाम बीसीआईः  एडवोकेट एक्ट के तहत बीसीआई को राज्य बार काउंसिल को निर्देश देने का अधिकार - बीसीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा

    दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा कि 19 जनवरी, 2021 और 2 फरवरी, 2021 को यूपी बार काउंसिल की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए जारी सर्कुलर के लिए उसने अधिवक्ता अधिनियम के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया गया है।

    अपने इस अधिकार का प्रयोग करते हुए बीसीआई ने यूपी बार काउंसिल की गतिविधियों की निगरानी के लिए समितियों का गठन किया था।

    बीसीआई अध्यक्ष मिश्रा ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की एकल पीठ को बताया कि बीसीआई के पास अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 48 बी के तहत स्टेट बार काउंसिल को दिशा-निर्देश देने की शक्ति है और उसके तहत उपर्युक्त कार्यवाही की गई है।

    प्रावधान में कहा गया है: किसी राज्य बार काउंसिल या किसी समिति के कार्यों के उचित और कुशल निर्वहन के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया सामान्य पर्यवेक्षण और नियंत्रण की अपनी शक्तियों के तहत स्टेट बार काउंसिल को या इसके बाद की कोई समिति को आवश्यकता होने पर ऐसे निर्देश दे सकता है। और राज्य बार काउंसिल या समिति ऐसे निर्देशों का पालन करेगी

    उन्होंने न्यायालय के समक्ष आगे कहा कि बीसीआई स्टेट बार काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक करेगी और मामले को सुलझाने का प्रयास करेगी।

    एकल न्यायाधीश ने इसे रिकॉर्ड पर रखते हुए कहा कि उस बैठक के परिणाम की एक रिपोर्ट को कोर्ट समक्ष पहले रखी जानी चाहिए।

    आदेश में कहा गया है,

    "याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि उनकी यह बात भी नहीं सुनी गई कि बीसीआई को स्टेट बार काउंसिल के कामकाज के दिन में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वहीं श्री मिश्रा ने कहा कि बीसीआई दोनों गुटों के साथ बैठक करेगा और मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास।

    बीसीआई के साथ यह बैठक तदनुसार, 15 मार्च, 2021 को होगी। उक्त तिथि को सभी संबंधित समूहों का प्रतिनिधित्व किया जा सकता है और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न गुटों के बीच विवादों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

    बता दें कि बैठक बीसीआई, दिल्ली के परिसर में आयोजित की गई। बैठक के बारे में बीसीआई द्वारा संबंधित सभी हितधारकों को सूचना दी जाएगी और समय भी तय किया जाएगा। "

    मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को तय की गई है।

    पृष्ठभूमि

    उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर बीसीआई ने उसकी गतिविधियों की निगरानी के लिए नौ सदस्यीय समिति की नियुक्ति के लिए 19 जनवरी, 2021 और 2 फरवरी, 2021 को दो सर्कुलर जारी किए थे। इसके साथ ही इसके चुनाव की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।

    बीसीआई के इस कदम के विरोध में यूपी बार काउंसिल ने प्रस्तुत किया कि राज्य बार काउंसिल ने बीसीआई द्वारा जारी दोनों सर्कुलर को रद्द कर दिया है और उसके बैंक खाते तीन सदस्यीय चुनाव समिति के नियंत्रण में हैं।

    यूपी बार काउंसिल की मुख्य शिकायत यह है कि सुनवाई का अवसर दिए बिना आदेश पारित किया गया।

    हाईकोर्ट ने पिछले महीने याचिका पर नोटिस जारी किया था।

    बीसीआई अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि स्टेट बार काउंसिल के दोनों गुटों को सुनने के बाद मामले का सौहार्दपूर्वक निपटारा किया जाएगा।

    बार काउंसिल ऑफ यूपी के लिए एडवोकेट स्वेताश्व अग्रवाल, एडवोकेट राजीव बजाज, एडवोकेट सौरभ सोनी, एडवोकेट मन्नत सिंह, एडवोकेट शिशिर प्रकाश और एडवोकेट करुणा कृष्ण थरेजा पेश हुए।

    वहीं बीसीआई के लिए एडवोकेट प्रीत पाल सिंह के साथ सीनियर एडवोकेट मनन मिश्रा पेश हुए।

    केस का शीर्षक: बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और अन्य बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य।

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