कलकत्ता हाईकोर्ट ने फ्रांसीसी मास्टिफ कुत्ते 'ब्रूनो' को उसके मालिकों को वापस करने का निर्देश दिया, एनजीओ की कस्टडी में था कुत्ता

LiveLaw News Network

5 Feb 2022 1:29 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने फ्रांसीसी मास्टिफ कुत्ते ब्रूनो को उसके मालिकों को वापस करने का निर्देश दिया, एनजीओ की कस्टडी में था कुत्ता

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक गैर सरकारी संगठन को 'ब्रूनो' नामक एक फ्रांसीसी मास्टिफ कुत्ते को उसके असली मालिकों को वापस करने का निर्देश दिया। लापता होने के बाद कुत्ते को एनजीओ की कस्टडी में रखा गया था। कोर्ट ने अपने आदेश में एनजीओ को महीने में कम से कम एक बार कुत्ते से मिलने और उसकी जांच करने की अनुमति दी।

    एनजीओ देबाश्री रॉय फाउंडेशन ने अदालत में बयान दिया था कि कुत्ते के साथ मालिकों का व्यवहार नहीं था और वह बहुत अच्छी स्थिति में नहीं था। मालिकों ने कुत्ते को वापस करने के लिए याचिका दायर की थी, जिसका एनजीओ ने विरोध किया था।

    जस्टिस राजशेखर मंथा ने गुरुवार को कहा, "देबाश्री रॉय फाउंडेशन ब्रूनो को उसके मालिकों, यानी रिट याचिकाकर्ता और उसके परिवार को दिन में वापस कर देगा। रिट याचिकाकर्ता बिना शर्त इस अदालत के समक्ष वचन देता है कि वह फ्रांसीसी मास्टिफ़ डॉग, 'ब्रूनो' की शारीरिक और मानसिक रूप से अच्छी देखभाल करेगा।"

    पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने पशु चिकित्सक गौतम मुखर्जी को कुत्ते की जांच करने करने का निर्देश दिया था। उन्हें न केवल कुत्ते की शारीरिक और मानसिक स्थिति बल्कि उसकी अब तक की गई देखभाल की सटीक जानकारी देने का का निर्देश दिया गया था।

    गुरुवार को, कोर्ट ने कहा कि पशु चिकित्सक यह पहचानने में विफल रहे कि 'ब्रूनो' याचिकाकर्ता का पालतू कुत्ता है या नहीं। हालांकि, कोर्ट ने याचिका में किए गए बयानों और राज्य के वकील के इस तर्क पर भी भरोसा किया कि कुत्ता याचिकाकर्ता और उसके नाबालिग बेटे को पहचानने में सक्षम था।

    ‌कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "यह न्यायालय श्री सेन के इस तर्क से सहमत है कि कुत्ता रिट याचिकाकर्ता और उसके नाबालिग बेटे की पहचान करने में सक्षम है।"

    अपने आदेश में कोर्ट ने कुत्ते की देखभाल करने के लिए देबाश्री रॉय फाउंडेशन की भी सराहना की और आगे निर्देश दिया, "फाउंडेशन के लोग महीने में कम से कम एक बार कुत्ते से मिलने और निरीक्षण करने के हकदार होंगे।"

    याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को यह भी अवगत कराया कि उसका मुवक्किल फ्रांसीसी मास्टिफ डॉग 'ब्रूनो' की अब तक की देखभाल में देबाश्री रॉय फाउंडेशन द्वारा किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति करेगा।

    तद्नुसार याचिका का निस्तारण किया गया।

    याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जगन्नाथ गांगुली और जयदीप विश्वास पेश हुए। राज्य की ओर से अधिवक्ता सम्राट सेन , पंटू देब रॉय और भास्कर चक्रवर्ती पेश हुए। इंटरवीनर का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता सुधासत्व बनर्जी , मोहम्मद जोहैब रऊफ और अजितेश पांडे ने किया ।

    केस शीर्षक: सुकन्या मीरबहार बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।

    केस उद्धरण: 2022 लाइव लॉ (Cal) 27

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