यूके की कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत में प्रत्यर्पण की अनुमति दी

LiveLaw News Network

25 Feb 2021 12:24 PM GMT

  • यूके की कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत में प्रत्यर्पण की अनुमति दी

    यूनाइटेड किंगडम की एक अदालत ने गुरुवार 25 फरवरी को हीरा व्यापारी भगोड़े नीरव मोदी के भारत में प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी। नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की अनुमति भारत में उन पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 14 करोड़ के घोटाले मामले में मुकदमा चलाने के लिए दी गई।

    न्यायाधीश ने कहा कि हीरा व्यापारी मोदी के खिलाफ भारत में मामला दर्ज है और उन्हें प्रत्यर्पित किया जाता है तो उन्हें न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा।

    जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने फैसला सुनाया कि मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची है।

    हालांकि नीरव मोदी के पास अभी प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प है।

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने यह भी कहा कि यह संतुष्ट है कि इस बात के सबूत हैं कि मोदी को दोषी ठहराया जा सकता है और उनके और पीएनबी के अधिकारियों सहित अन्य लोगों के बीच स्पष्ट रूप से संबंध थे।

    विशेष रूप से, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने नीरव मोदी के लिए एक गवाह के रूप में गवाही दी थी, जिसमें भारत सरकार की प्रत्यर्पण याचिका का विरोध किया था।

    न्यायमूर्ति काटजू ने इस आधार पर प्रत्यर्पण के लिए दायर याचिका का विरोध किया था कि उन्हें "भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई" की उम्मीद थी। मामले में उनके द्वारा दायर लिखित प्रविष्टि में कहा गया है कि मोदी भारत में "मीडिया ट्रायल" के शिकार हैं और इस तरह के "शत्रुतापूर्ण माहौल" में उनकी भारत में एक स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकेगी।

    हीरा व्यापारी नीरव मोदी पर 1,3,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धन शोधन निवारण अधिनियम, भारतीय दंड संहिता आदि के तहत अपराध करने का आरोप है।

    फरवरी 2018 में घोटाले की रिपोर्ट सामने आने के बाद मोदी मई 2018 में अपने रिश्तेदार मेकुल चोकसी के साथ भारत से भाग गए थे। मार्च 2019 में उन्हें भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर यूके पुलिस ने लंदन में गिरफ्तार किया था।

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