यूएपीए | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीमा पार से हथियार, विस्फोटक प्राप्त करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी

LiveLaw News Network

4 Dec 2023 11:42 AM GMT

  • यूएपीए | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीमा पार से हथियार, विस्फोटक प्राप्त करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने "राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों" के लिए सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक पदार्थ प्राप्त करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी है। आरोपी पर 2022 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस कीर्ति सिंह की खंडपीठ ने कहा, "यूएपीए अधिनियम के प्रावधान कड़े हैं और इसलिए अदालत के लिए यह आवश्यक है कि वह आरोपी के खिलाफ आरोप के संदर्भ में सामग्री की सावधानीपूर्वक जांच करे।" कोर्ट ने जमानत देते समय कहा कि वर्तमान मामले में सह-अभियुक्तों के बयान के अलावा कि अपीलकर्ता अपनी गाड़ी से उनके आगे यात्रा कर रहा था, "इस स्तर पर ऐसी कोई अन्य सामग्री नहीं द‌िखती जो अपीलकर्ता को अपराध के घटित होने से जोड़ती हो।"

    हाईकोर्ट ने ये टिप्पण‌ियां अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, मोगा की ओर से सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत याचिका खारिज करने के आदेश के खिलाफ दायर अपील के जवाब में कही। आरोपी निर्मल सिंह पर शस्त्र अधिनियम की धारा 25(6), 25(7) और यूएपीए अधिनियम की धारा 10, 13, 18 और 20 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

    यह आरोप लगाया गया था कि सिंह, अन्य सह-अभियुक्तों के साथ सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक पदार्थ प्राप्त कर रहा था और उनका इस्तेमाल आतंक फैलाने आदि सहित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के ‌लिए कर रहा था। अपीलकर्ता को सह-अभियुक्त के बयान पर आरोपी बनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि वह अन्य सह-अभियुक्तों से आगे स्कूटर पर यात्रा कर रहा था, ताकि वह उन्हें पुलिस की किसी भी बैरिकेडिंग के बारे में सचेत कर सके।

    दलीलों पर विचार करते हुए, अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया है कि डीएसपी द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, "अपीलकर्ता से कोई बरामदगी नहीं हुई है।" कोर्ट ने कहा, "इस प्रकार यह स्पष्ट है कि सह-अभियुक्त के बयान के अलावा, जिसमें उसने कहा है कि अपीलकर्ता भी उनसे आगे यात्रा कर रहा था, अपीलकर्ता को अपराध से जोड़ने के लिए कोई सामग्री नहीं दिखती है।"

    पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता से कोई बरामदगी नहीं हुई है और यह संकेत देने के लिए कुछ भी नहीं है कि कॉल लोकेशन या कॉल विवरण के अनुसार, अपीलकर्ता अपराध के घटित होने या उनकी गिरफ्तारी के करीब सह-अभियुक्तों के संपर्क में था। कहा गया है कि उन्हें हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया है।

    यह कहते हुए कि यूएपीए अधिनियम के प्रावधानों के तहत तब जमानत दी जा सकती है, जब न्यायालय की राय है कि यह मानने का कोई उचित आधार नहीं है कि आरोपी के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सच हैं।" न्यायालय ने यह भी माना कि सिंह किसी अन्य आपराधिक मामले में शामिल नहीं था और 13 महीने से अधिक समय से हिरासत में है।

    इसके अलावा, न्यायालय ने कहा कि, "इसलिए, हमें यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि यह मानने के लिए कोई उचित आधार नहीं है कि अपीलकर्ता के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सच है।"

    साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (पीएच) 252

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