ट्रायल कोर्ट के सामने पीड़िता का अपने बयान से यू टर्न लेना आरोपी को ज़मानत देने के लिए पर्याप्त नहीं : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

30 March 2021 9:40 AM GMT

  • ट्रायल कोर्ट के सामने पीड़िता का अपने बयान से यू टर्न लेना आरोपी को ज़मानत देने के लिए पर्याप्त नहीं : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

    पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष पीड़िता/शिकायकर्ता द्वारा "यू-टर्न" राहत देने का आधार नहीं है।

    न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन की एकल पीठ ने कहा कि केवल इसलिए कि पीड़िता/शिकायकर्ता ने अदालत के सामने आरोपों का समर्थन नहीं किया है, यह उसे जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं होगा।

    बेंच ने आगे कहा कि पीड़िता/शिकायकर्ता के रुख में बदलाव की जांच करना पुलिस अधिकारियों का काम है।

    आदेश में कहा गया है,

    "यह नोट उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा कि पीड़िता/शिकायकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की प्रकृति विशेष रूप से यह आरोप कि आपत्तिजनक वीडियो बनाया गया था और तस्वीरें क्लिक की गई थी, बहुत गंभीर प्रकृति के आरोप हैं। अब मामले में यह यू-टर्न लगता है। अब यह पुलिस पर है कि वह इस बात की जांच करे और उपलब्ध सामग्रियों के आधार पर पुलिस को हर पहलू पर गौर करने की सलाह दी जाती है।"

    नशा करने, बलात्कार करने, पीड़िता का आपत्तिजनक वीडियो बनाने और उसे ब्लैकमेल करने के आरोप सुभाष चंदर की तीसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की।

    चंदर को हरियाणा पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 328 (जहर के माध्यम से चोट लगने के कारण चोट लगने आदि), 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गिरफ्तार किया गया।

    उसके खिलाफ लगे आरोपों का समर्थन शिकायकर्ता के बयान द्वारा किया गया था, जो उसने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए थे।

    याचिकाकर्ता-आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष यह कहा था कि पीड़िता/शिकायकर्ता के बयान, उस पर लगाए गए आरोपों का समर्थन नहीं करते।

    इस दलील को खारिज करते हुए एकल पीठ ने कहा कि धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान के विरोधाभास और न्यायालय के सामने बयान के साथ मुद्दा ट्रायल का विषय होगा।

    बेंच ने यह देखते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दी कि उपलब्ध सामग्री और साक्ष्यों को देखना ट्रायल कोर्ट का काम है।

    केस का शीर्षक: सुभाष चंदर बनाम हरियाणा राज्य

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