ट्रांसजेंडर के बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में उन्हें पेरेंट्स के रूप में दर्शाया जाए न कि माता-पिता के रूप में: केरल हाईकोर्ट में ट्रांसजेंडर जोड़े की याचिका

Shahadat

21 July 2023 8:05 AM GMT

  • ट्रांसजेंडर के बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में उन्हें पेरेंट्स के रूप में दर्शाया जाए न कि माता-पिता के रूप में: केरल हाईकोर्ट में ट्रांसजेंडर जोड़े की याचिका

    केरल हाईकोर्ट में देश के पहले ट्रांसजेंडर माता-पिता याचिका दायर की गई, जिसमें कोझिकोड निगम के सचिव को उनके बच्चे के लिए नया बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश जारी करने की मांग की गई, जिसमें जोड़े के नाम को क्रमशः 'पिता' और 'मां' के बजाय सिर्फ 'पेरेंट्स' के रूप में दर्शाया जाए।

    जस्टिस एन. नागरेश की एकल पीठ ने राज्य के वकील द्वारा याचिका में कुछ तकनीकी खामियां बताए जाने के बाद मामले को अगले गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया। इस बीच पीठ ने राज्य के वकील से यह पता लगाने को कहा कि याचिकाकर्ताओं की "वास्तविक शिकायत" को हल करने के लिए क्या किया जा सकता है।

    यह याचिका ट्रांसमैन ज़हाद और ट्रांसवुमन जिया पावल द्वारा दायर की गई, जो इस साल फरवरी में अपने बच्चे के जन्म के बाद भारत के पहले ट्रांसजेंडर माता-पिता बने। यह कहा गया कि कोझिकोड निगम ने बच्चे के जन्म को रजिस्टर्ड किया और केरल जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 1999 की धारा 12 के तहत बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया, जिसमें माता के रूप में ज़हाद (ट्रांसजेंडर) और पिता के रूप में जिया पावल (ट्रांसजेंडर) का नाम दर्ज किया गया।

    दम्पति उन्हें केवल 'माता-पिता' के रूप में लेबल करने के उनके अनुरोध को प्राधिकरण द्वारा अस्वीकार किए जाने से व्यथित है।

    याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने निगम से बर्थ सर्टिफिकेट पर पिता और माता का नाम न लिखने का अनुरोध किया, क्योंकि बच्चे की जैविक मां ने वर्षों पहले खुद को पुरुष के रूप में पहचाना और वर्तमान में समाज में पुरुष सदस्य के रूप में रह रही है।

    याचिका में कहा गया,

    चूंकि वैज्ञानिक रूप से इस तथ्य में कुछ विरोधाभास है कि पुरुष बच्चे को जन्म देता है, याचिकाकर्ताओं ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे पिता और माता का नाम न लिखें, बल्कि केवल 'माता-पिता' लिखें, जिससे आगे की शर्मिंदगी से बचा जा सके, जिसका जीवन भर, जैसे स्कूल एडमिशन, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और नौकरी और संबंधित मामलों सहित विभिन्न अन्य दस्तावेज में तीसरे याचिकाकर्ता को सामना करना पड़ेगा।''

    यह याचिका एडवोकेट मरियम ए.के., पद्मा लक्ष्मी और इप्सिता ओजल के माध्यम से दायर की गई।

    केस टाइटल: ज़हाद और अन्य बनाम केरल राज्य और अन्य।

    केस नंबर: WP(C) 23763/2023

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